Edited By Tanuja,Updated: 20 Jun, 2024 11:26 AM
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सऊदी अरब में भीषण गर्मी के बीच इस साल हज यात्रा के दौरान सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। लोग अपने प्रियजनों के शवों को लेने की कोशिश कर रहे हैं...
मक्काः सऊदी अरब में भीषण गर्मी के बीच इस साल हज यात्रा के दौरान सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। लोग अपने प्रियजनों के शवों को लेने की कोशिश कर रहे हैं। अभी तक सऊदी अरब ने हज के दौरान गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है, न ही मौतों की वजह बताई है। हालांकि, मक्का के निकट अल-मुआइसम में आपातकालीन परिसर में सैकड़ों लोग अपने परिवार के लापता सदस्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश में कतार में खड़े रहे। ऑनलाइन प्रसारित एक सूची से पता चला कि पांच दिवसीय हज के दौरान कम से कम 600 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 90 भारतीयों सहित अलग-अलग देशों के लोग शामिल हैं।
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इन मौतों कारण हीटवेव या इलनेस (कोई बीमारी) बताया जा रहा है। सभी लोगों की मौत कुदरता हुई है। इनमें से कोई भी हादसे का शिकार नहीं हुआ है और ना ही किसी के भी शरीर पर चोट के कोई निशान पाए गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या 323 मिस्र के लोगों की है। मिस्र के सभी लोगों के मरने की वजह भीषण गर्मी है. हालांकि, इनमें सिर्फ एक शख्स ऐसा है, जिसकी मौत भीड़ के कारण चोट लगने से हुई। वहीं, मृतकों में से 60 लोग जॉर्डन के भी रहने वाले हैं। इनमें से 570 शव मक्का के सबसे बड़े मुर्दाघर में रखे गए हैं। बता दें कि इस साल हज 14 जून को शुरू होकर 19 जून को खत्म हुआ है। नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर एसोसिएटेड प्रेस से बात करने वाले एक चिकित्सक ने कहा कि सूची वास्तविक प्रतीत होती है। एक अन्य अधिकारी ने भी नाम न बताने की शर्त पर कहा कि उनका मानना है कि कम से कम 600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। सूची में मृत्यु का कोई कारण नहीं बताया गया है।
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सऊदी राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार मंगलवार को मक्का और शहर के आसपास के स्थलों पर तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। शैतान को कंकड़ मारने की कोशिश करते समय कुछ लोगों को बेहोश होते देखा गया । बता दें कि हज इस्लाम के 5 प्रमुख स्तंभों में से एक है। आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम हर मुसलमान के लिए जीवन में एक बार हज करना अनिवार्य माना जाता है। लेकिन हज यात्रा जलवायु परिवर्तन के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। पिछले महीने प्रकाशित सऊदी अरब के एक शोध में कहा गया कि हज करने वाले इलाके का तापमान हर दशक 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है। सऊदी के मौसम विभाग ने बताया कि 17 जून को मक्का की ग्रैंड मस्जिद के पास तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था।
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