इजरायल ने हिजबुल्लाह का 58 करोड़ का ईनामी टॉप कमांडर किया ढेर; अमेरिका खुश, जानें कैसे ऑपरेशन को दिया अंजाम

Edited By Tanuja,Updated: 21 Sep, 2024 01:14 PM

hezbollah commander carrying 7 million bounty killed in beirut strike

इजरायली सेना ने अपने हालिया हवाई हमले में हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर इब्राहिम अकील (Hezbollah Commander Ibrahim Aqil) को मार गिराया, जिसे अमेरिका ने 58 करोड़ रुपए का इनामी आतंकी घोषित कर रखा था...

International Desk: इजरायल और हिजबुल्लाह ( Israel and Hezbollah)  के बीच चल रहे संघर्ष में इजरायल को एक बड़ी सफलता मिली है। इजरायली सेना ने अपने हालिया हवाई हमले में हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर इब्राहिम अकील (Hezbollah Commander Ibrahim Aqil) को मार गिराया, जिसे अमेरिका ने 58 करोड़ रुपए का इनामी आतंकी घोषित कर रखा था। इस हमले में इब्राहिम अकील की मौत ने हिजबुल्लाह को एक बड़ा झटका दिया है, क्योंकि वह संगठन के भीतर दूसरा सबसे प्रभावशाली व्यक्ति था, जो सीधे हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह को रिपोर्ट करता था।

 

इससे पहले जुलाई में इजरायल ने इसी इलाके में फुआद शुकर, हिजबुल्लाह के एक अन्य शीर्ष कमांडर को भी मार गिराया था। इजरायली हमले से हिजबुल्लाह का नेतृत्व कमजोर हो रहा है, जिससे संगठन की सैन्य क्षमताओं पर असर पड़ सकता है। इससे पहले हिजबुल्लाह ने उत्तरी इजरायल पर 140 से ज्यादा रॉकेट दागे थे। इसके जवाब में इजरायली सेना ने एक बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें अकील मारा गया। यह हमला बेरूत के दक्षिणी इलाके में हिजबुल्लाह की विशिष्ट "राडवान इकाई" की एक मीटिंग के दौरान किया गया। इस हमले में कम से कम 9 अन्य लोग भी मारे गए और लगभग 60 घायल हो गए।

 

कौन था इब्राहिम अकील?
इब्राहिम अकील, जिसे तहसीन और अब्देलकादर के नामों से भी जाना जाता था, हिजबुल्लाह की मिलिट्री बॉडी जिहाद काउंसिल का सदस्य था। उसे 1983 में हुए दो ट्रक बम विस्फोटों में अमेरिकी दूतावास और मरीन बैरक पर हमले के लिए जिम्मेदार माना जाता था, जिसमें 300 से अधिक लोग मारे गए थे। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित कर रखा था और उसके सिर पर 70 लाख डॉलर (लगभग 58 करोड़ रुपए) का इनाम घोषित किया था।

 

ईरानी समर्थन और हिजबुल्लाह में भूमिका
इब्राहिम अकील को 1980 के दशक में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने प्रशिक्षित किया था। उसने लेबनान की बेका घाटी से निकलकर हिजबुल्लाह के शीर्ष नेतृत्व में अपनी जगह बनाई। इसके पहले वह लेबनान की अमल राजनीतिक मूवमेंट का हिस्सा था। अकील ने हिजबुल्लाह को एक छोटे संगठन से लेबनान का सबसे शक्तिशाली राजनीतिक और सैन्य बल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

अमेरिका और अन्य देशों की प्रतिक्रिया
अकील की मौत पर अमेरिका ने खुशी जाहिर की है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह हिजबुल्लाह के खिलाफ एक बड़ी जीत है, जो लंबे समय से इजरायल और पश्चिमी देशों के लिए खतरा बना हुआ था। अमेरिका ने अकील को कई अपहरणों और हत्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराया था, जिसमें 1983 में हुए अमेरिकी दूतावास बम धमाके भी शामिल हैं। 

 

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