Edited By Tanuja,Updated: 29 Oct, 2024 03:51 PM
बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं को लगातार भेद-भाव और हमलों का सामना करना पड़ रहा है। समाज में बढ़ते असंतोष के बीच, वहां पढ़ाई कर रहे हिंदू छात्रों के खिलाफ मौसमी लिंचिंग की घटनाएं बढ़ती जा रही ...
International Desk: बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं को लगातार भेद-भाव और हमलों का सामना करना पड़ रहा है। समाज में बढ़ते असंतोष के बीच, वहां पढ़ाई कर रहे हिंदू छात्रों के खिलाफ मौसमी लिंचिंग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। हिंदू संगठनों का आरोप है कि बांग्लादेश के इस्लामिक चरमपंथी विभिन्न क्षेत्रों में हिंदू युवाओं की सोशल मीडिया पहचान हैक कर रहे हैं। इसके तहत, उन पर इस्लाम का अपमान करने का झूठा आरोप लगाकर सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की कोशिश की जा रही है। हाल ही में, 28 अक्टूबर को फरीदपुर जिले में 11वीं कक्षा के छात्र हृदय पाल पर मॉब लिंचिंग का प्रयास किया गया।
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इस घटना के बाद उन्हें गिरफ्तार कर सेना के हवाले कर दिया गया, जबकि बांग्लादेश की कानून व्यवस्था फिलहाल पुलिस और सेना के नियंत्रण में है।घटना की वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि कैसे सेना के जवान हृदय पाल को गिरफ्तार करके ले जा रहे हैं, जबकि उसके पीछे एक दंगाई भीड़ उसे मारने के नारे लगा रही है। आपको बता दें, गिरफ्तारी के दौरान हृदय पाल की आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी। इसी तरह का एक और मामला हाल ही में खुलना में उत्सव मंडल के खिलाफ देखा गया, जहां उन्हें सोशल मीडिया पर मोहम्मद पैगंबर के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी करने के आरोप में लिंच किया गया।
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चांदपुर जिले में भी स्थानीय चरमपंथी तत्वों ने गोविंद के घर पर धावा बोला, जब उन पर भी इसी प्रकार का आरोप लगाया गया। हिंदू समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने वाले संगठनों का कहना है कि एक व्यवस्थित साजिश के तहत हिंदू युवाओं को निशाना बनाने के लिए फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाए जा रहे हैं। इन घटनाओं के खिलाफ हिंदू संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, लेकिन बांग्लादेश सरकार की ओर से उनकी आवाज़ों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हालांकि, चरमपंथी संगठनों की शिकायतों पर हिंदुओं की गिरफ्तारी के मामले सामने आ रहे हैं।