Edited By Tanuja,Updated: 07 Nov, 2024 02:30 PM
कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में एक हिंदू मंदिर के पुजारी को हाल ही में खालिस्तानी झंडे लिए प्रदर्शनकारियों और वहां मौजूद लोगों के बीच हुई झड़पों के दौरान ‘‘हिंसक बयानबाजी'' करने के आरोप में ...
Ottawa: कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में एक हिंदू मंदिर के पुजारी को हाल ही में खालिस्तानी झंडे लिए प्रदर्शनकारियों और वहां मौजूद लोगों के बीच हुई झड़पों के दौरान ‘‘हिंसक बयानबाजी'' करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। ब्रैम्पटन में तीन नवंबर को हिंदू सभा मंदिर में विरोध प्रदर्शन हुआ था और सोशल मीडिया पर प्रसारित कुछ अपुष्ट वीडियो में प्रदर्शनकारी खालिस्तान समर्थक बैनर लिए हुए थे।
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वीडियो में लोगों के बीच हाथापाई और मंदिर के आस-पास के मैदान में एक-दूसरे पर डंडे से वार करते हुए दिखाया गया। खालिस्तानी झंडे लेकर आए प्रदर्शनकारियों की लोगों के साथ झड़प हुई और उन्होंने मंदिर प्राधिकारियों और भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वाणिज्य दूतावास के एक कार्यक्रम में भी बाधा पहुंचाई। ‘कनाडाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन‘ की एक रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को हिंदू सभा मंदिर की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया कि रविवार को प्रदर्शनकारियों के साथ पुजारी की ‘‘विवादास्पद संलिप्तता'' के कारण उसे निलंबन किया गया है। हालांकि बयान में इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई। ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने कहा कि पुजारी ने ‘‘हिंसक बयानबाजी'' की।
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ब्राउन ने पोस्ट में कहा, ‘‘ अधिकांश सिख कनाडाई और हिंदू कनाडाई सद्भावना से रहना चाहते हैं और हिंसा बर्दाश्त नहीं करते। हिंदू सभा मंदिर के अध्यक्ष मधुसूदन लामा ने हिंसक बयानबाजी करने वाले पंडित को निलंबित कर दिया है। ओंटारियो सिख और गुरुद्वारा परिषद ने रविवार रात हिंदू सभा में हुई हिंसा की निंदा की है।'' प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस घटना की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि प्रत्येक कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र तरीके से और सुरक्षित माहौल में पालन करने का अधिकार है।