Edited By Tanuja,Updated: 02 Sep, 2024 01:20 PM
पाकिस्तान के कराची में एक नया मॉल खोला गया, जिसका नाम "ड्रीम बाजार" रखा गया। उद्घाटन के दिन मॉल में भारी छूट का ऐलान किया गया, जिससे...
Karachi: पाकिस्तान के कराची में एक नया मॉल खोला गया, जिसका नाम "ड्रीम बाजार" रखा गया। उद्घाटन के दिन मॉल में भारी छूट का ऐलान किया गया, जिससे बड़ी संख्या में लोग मॉल में उमड़ पड़े। लेकिन खरीदारी करने के बजाय, उन्होंने मॉल को लूट लिया और वहां मौजूद चीजों को तहस-नहस कर दिया। कराची के कंगाल लोगों ने मॉल में रखी डमी तक को नहीं छोड़ा। ऐसा लग रहा था जैसे ये लोग कपड़े खरीदने नहीं, बल्कि लूटने आए थे। हालात इतने बिगड़ गए कि मॉल के कर्मचारियों को भी अपनी मेहनत पर सिर पीटना पड़ा। एक शख्स ने तो लूटे हुए कपड़ों को बिस्तर बना लिया और वहीं सो गया।
A Huge Mall Dream Bazar was built by a Pak foreign businessesman in Karachi, Pakistan- On it's inauguration yesterday he offered special discount for Pakistani locals..... and the whole Mall was looted pic.twitter.com/ah4d2ULh3l
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) September 1, 2024
मॉल के अंदर इतनी भीड़ हो गई कि लोग एक-दूसरे पर चढ़ते नजर आए। लोग पचास रुपये की चीजें तलाश रहे थे, लेकिन इतनी सस्ती चीजें नहीं मिलने पर निराश हो गए। भीड़ इतनी बेकाबू हो गई कि मॉल के अंदर न तो एसी चल रहा था और न ही पानी की व्यवस्था थी, जिससे स्थिति और खराब हो गई। ड्रीम बाजार के कर्मचारी, जिन्होंने 20 दिनों तक मेहनत की थी, अब निराशा में हैं। एक कर्मचारी ने कहा, "हमने अपनी टीम बनाई, फैमिली से ज्यादा टाइम दिया, लेकिन लोगों ने हमारी मेहनत का ये सिला दिया।" उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान में निवेश करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि लोग चीजों की कद्र नहीं करते।
विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के एक कारोबारी ने यह मॉल खोला था। उन्होंने उद्घाटन के मौके पर सस्ते कपड़ों की पेशकश की, जिससे लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लेकिन अब मॉल की स्थिति देखकर वह बेहद निराश हैं। उनकी उम्मीदें टूट चुकी हैं और वह सोच रहे हैं कि क्या उनका यह निवेश सही था। इस घटना ने कराची के हालात को उजागर किया है, जहां लोग दाने-दाने को मोहताज हैं और छोटी-छोटी चीजों के लिए भीड़ का हिस्सा बन जाते हैं। मॉल की लूटपाट ने यह दिखा दिया कि पाकिस्तान में लोग कितनी मुश्किल परिस्थितियों में जी रहे हैं, और उनकी मानसिकता में सुधार की कितनी जरूरत है।