66 लाख सालाना कमाने वाली युवती को मां बनने से लग रहा डर, बोली- महंगाई में बच्चा पालना बहुत मुश्किल

Edited By Tanuja,Updated: 14 Oct, 2024 12:33 PM

i earn more than 60 000 but can t afford children lottie moore

आज के समय में कई लड़कियां मां बनने को नामुमकिन सपना मानने लगी हैं। वजह शारिरिक या मानसिक नहीं बल्कि बढ़ते खर्च का खौफ है। ब्रिटेन की...

London: आज के समय में कई लड़कियां मां बनने को नामुमकिन सपना मानने लगी हैं। वजह शारिरिक या मानसिक नहीं बल्कि बढ़ते खर्च का खौफ है। ब्रिटेन की एक ऐसी ही महिला है लोटी मूर। मूर एक पॉलिटिकल रिसर्चर हैं। वह 28 साल की उम्र में 66 लाख से अधिक की सालाना आय अर्जित करती हैं। इसके बावजूद उन्हें लगता है कि मौजूदा परिस्थितियों में वह एक स्थिर और सुरक्षित परिवार नहीं बना सकतीं। उनका मानना है कि अब बढ़ते खर्च के खौफ से मां बनने की सोच से भी डर लगने लगा है। मूर का कहना है कि जीवन यापन की लागत ने लोगों की कमाई को बुरी तरह प्रभावित किया है। ऊंची आय के बावजूद, रोजमर्रा के खर्चे इतने बढ़ गए हैं कि बचत कर पाना लगभग नामुमकिन हो गया है।  

ये भी पढ़ेंः निज्जर हत्या मामलाः भारत की कनाडा को कड़ी चेतावनी-जांच एजेंसियों पर दबाव मत डालो, जस्टिन ट्रूडो आरोपों के पहले सबूत दो

मूर कहती हैं कि किसी भी महिला को मां बनने से डर न लगे इसके लिए बड़े बदलाव जरूरी है। सरकार को ऐसी नीतियां लागू करनी होंगी, जिससे महिलाएं बिना नौकरी छोड़े अपने बच्चों की देखभाल कर सकें। किफायती घर और बच्चों की देखभाल की सेवाएं भी सस्ती होनी चाहिए, ताकि हर महिला को मातृत्व का सुख मिल सके। घर में रहना एक बड़ी चुनौती बन गया है। हर महीने का किराया चुकाने के बाद, भविष्य में बच्चों के पालन- पोषण के लिए जरूरी वित्तीय स्थिरता पाना मुश्किल होता जा रहा है। मूर ने बताया कु बच्चों की देखभाल के खर्चे भी आसमान छू रहे हैं। लंदन जैसे बड़े शहरों में नर्सरी या डेकेयर के लिए हफ्ते भर की देखभाल का खर्च लगभग 2 लाख रुपए तक पहुंच चुका है। इतने हाई खर्चों के बीच बच्चों की परवरिश करना एक बड़ी आर्थिक चुनौती बन गया है। यह लागत उन लोगों के लिए भी भारी पड़ रही है, जिनकी कमाई औसत से अधिक है।

Read:- नहीं बाज आया ड्रैगनः ताइवान के आसपास चीन ने फिर शुरू किया बड़ा सैन्य अभ्यास, बोला-हमले की तैयार 

मूर कहती हैं, मां बनने से पहले एक स्थिर और सुरक्षित घर का होना बहुत जरूरी है, लेकिन वर्तमान समय में घर खरीदना आसान नहीं है। किराए के मकान कोबार-बार बदलते रहना बच्चों के लिए स्थिर वातावरण प्रदान करने में बाधा डालता है। स्थायी घर की कमी न सिर्फ मानसिक तनाव को बढ़ाती है, बल्कि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने में भी समस्या खड़ी करती है। करियर व परिवार के बीच बैलेंस चुनौतीः बच्चों की देखभाल और करियर को साथ में संभालना आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती है। यदि महिलाएं मां बनने का निर्णय लेती हैं, तो उन्हें अपना करियर छोड़ना पड़ता है या बच्चों की देखभाल के लिए महंगी सेवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है। दोनों ही परिस्थितियों में, आय और मानसिक शांति पर असर पड़ता है।

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!