Edited By Tanuja,Updated: 02 Mar, 2025 12:25 PM
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पेंसिल्वेनिया की 23 वर्षीय महिला पेट्रिया मैकेथेन को वैंपिंग (इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट) करना पसंद था। उन्हें लगा कि यह सिर्फ एक मजेदार आदत है । वैंपिंग के अलग-अलग फ्लेवर...
International Desk: पेंसिल्वेनिया की 23 वर्षीय महिला पेट्रिया मैकेथेन को वैंपिंग (इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट) करना पसंद था। उन्हें लगा कि यह सिर्फ एक मजेदार आदत है । वैंपिंग के अलग-अलग फ्लेवर, मीठी खुशबू और मोटे धुएं के बादल लेकिन यही शौक उनकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हुआ। 22 साल की उम्र में वह वैंपिंग की आदी हो गईं। हर दिन गहरी-गहरी कश लेने की वजह से उनके फेफड़ों पर असर पड़ने लगा, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। एक साल के अंदर ही उनके फेफड़ों की हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी। एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि वेपिंग (इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट) सिगरेट से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। शोधकर्ताओं ने इसे डिमेंशिया (याददाश्त खोने की बीमारी), हृदय रोग और अंग फेल होने जैसी गंभीर बीमारियों से जोड़ा है।
डॉक्टरों की चेतावनी
मैनचेस्टर मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी के डॉ. मैक्सिम बॉइडिन की टीम ने बताया कि वेपिंग को बिना किसी रुकावट के लगातार इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे शरीर में निकोटिन की ज्यादा मात्रा पहुंचती है। चौंकाने वाली बात यह है कि 8% वयस्क वेपर्स (वेपिंग करने वाले लोग) पहले कभी धूम्रपान नहीं करते थे, फिर भी वे गंभीर बीमारियों के खतरे में हैं।शोध के दौरान 27 साल के लोगों पर किए गए परीक्षण में पाया गया कि वेपिंग और धूम्रपान, दोनों से ही धमनियों में रक्त संचार धीमा हो जाता है, जो हृदय रोगों का संकेत है। विशेषज्ञों का कहना है कि निकोटिन से दिल की धड़कन तेज हो जाती है, रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं और फेफड़ों की बीमारियों, दांतों की सड़न और कैंसर जैसी घातक समस्याएं हो सकती हैं।
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क्या होता है फेफड़ों के फटने का मतलब?
अमेरिका में 1.75 लाख लोगों पर हुई एक अलग स्टडी में पता चला कि वेपिंग करने वालों में घातक बीमारियों का खतरा 20% ज्यादा होता है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि वेपिंग को सुरक्षित विकल्प मानना गलत होगा, क्योंकि यह शरीर को धीरे-धीरे गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।शुरुआत में उन्होंने सोचा कि यह सिर्फ अस्थमा (Asthma) की समस्या है। लेकिन जब सांस फूलने और सीने में दर्द की समस्या बढ़ गई, तो वह अस्पताल पहुंचीं। डॉक्टरों ने जब जांच की, तो चौंकाने वाला सच सामने आया उनके फेफड़े फट चुके थे (Lung Collapse)। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने युवाओं को चेतावनी दी है कि अगर वे अभी भी वैंपिंग कर रहे हैं, तो तुरंत इसे छोड़ दें। अन्यथा, उन्हें सर्जरी करवानी पड़ सकती है या इससे भी बुरा हो सकता है यानी जान जाने का खतरा बढ़ सकता है।
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कैसे होता है नुकसान
फेफड़े फटने (Collapsed Lungs) की स्थिति को Pneumothorax कहा जाता है। यह तब होता है जब फेफड़ों में हवा भरने की क्षमता कम हो जाती है और वे सिकुड़ जाते हैं। इससे व्यक्ति को सांस लेने में बेहद कठिनाई होती है और अगर समय पर इलाज न मिले, तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि वैंपिंग से फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है और ऐसे मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
- - वैंपिंग के दौरान व्यक्ति बहुत गहरी सांस लेता है, जिससे निकोटीन और अन्य खतरनाक रसायन सीधे फेफड़ों में पहुंचते हैं ।
- - इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट में मौजूद रसायन फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं ।
- - कुछ मामलों में यह फेफड़ों के टिश्यू को जला सकता है, जिससे फेफड़े कमजोर होकर फट सकते हैं।