Edited By Pardeep,Updated: 25 Jan, 2025 06:12 AM
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि अगर डोनाल्ड ट्रंप 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव नहीं हारते, तो यूक्रेन में युद्ध की नौबत नहीं आती। फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले को लेकर पुतिन ने कहा कि ट्रंप के कार्यकाल...
इंटरनेशनल डेस्कः रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि अगर डोनाल्ड ट्रंप 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव नहीं हारते, तो यूक्रेन में युद्ध की नौबत नहीं आती। फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले को लेकर पुतिन ने कहा कि ट्रंप के कार्यकाल में ऐसा संकट पैदा होने की संभावना नहीं थी।
ट्रंप को बताया ‘बुद्धिमान और व्यावहारिक’
ब्रिटिश अखबार डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने ट्रंप की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे न केवल एक बुद्धिमान नेता हैं, बल्कि व्यावहारिक सोच रखने वाले भी हैं। पुतिन ने कहा, "अगर ट्रंप राष्ट्रपति होते और 2020 में उनकी हार नहीं होती, तो यूक्रेन में जो हालात बने, वे शायद टल जाते।"
गौरतलब है कि ट्रंप लगातार 2020 के चुनावों में धांधली का दावा करते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि उन्हें डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन ने हराया नहीं, बल्कि चुनाव उनसे "छीना" गया।
रूस शांति वार्ता के लिए तैयार: पुतिन
यूक्रेन युद्ध पर बातचीत को लेकर पुतिन ने कहा, "रूस हमेशा से बातचीत के लिए तैयार है। हम यूक्रेनी मुद्दों पर गंभीरता से बात करने को तैयार हैं।" हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका जैसे बड़े देशों के लिए ऐसे फैसले लेना मुश्किल हो सकता है, जो उनकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
रूसी विदेश मंत्रालय का अलग रुख
पुतिन की इस टिप्पणी से कुछ घंटे पहले ही रूसी विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन और पश्चिमी देशों पर कड़ी आलोचना की थी। मंत्रालय ने कहा था, "शांति वार्ता की आवश्यकता पर जोर देने के बावजूद, यूक्रेन और पश्चिम की ओर से ऐसी किसी गंभीर पहल के संकेत नहीं मिले हैं।" साथ ही उन्होंने पश्चिमी देशों की ओर से यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति को "अवैध" बताया।
ट्रंप का दावा: 24 घंटे में युद्ध समाप्त कर सकता हूं
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान दावा किया था कि अगर वे सत्ता में होते तो 24 घंटे के भीतर यूक्रेन में युद्ध समाप्त करवा सकते थे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर रूस शांति वार्ता के लिए तैयार नहीं होता, तो वे मास्को पर कड़े प्रतिबंध लगाते और यूक्रेन को और अधिक हथियारों की आपूर्ति करते।