Edited By Parminder Kaur,Updated: 21 Jan, 2025 11:44 AM
ब्रिटेन में पुरुषों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए एक अनूठा प्रयोग किया जा रहा है। इस प्रयोग के तहत पुरुषों को अपनी बात कहने के लिए आठ मिनट का समय दिया जाता है। यह प्रयोग अब तक सफल हो रहा है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। देशभर में...
इंटरनेशनल डेस्क. ब्रिटेन में पुरुषों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए एक अनूठा प्रयोग किया जा रहा है। इस प्रयोग के तहत पुरुषों को अपनी बात कहने के लिए आठ मिनट का समय दिया जाता है। यह प्रयोग अब तक सफल हो रहा है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। देशभर में ऐसे समूह बन रहे हैं, जहां पुरुष बिना किसी झिझक के अपनी समस्याएं साझा कर रहे हैं। इससे उनकी मानसिक सेहत में सुधार हो रहा है और वे डिप्रेशन जैसी समस्याओं से उबरकर जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो पा रहे हैं।
मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर बढ़ रही जागरूकता
ब्रिटेन की प्रमुख स्वास्थ्य एजेंसी एनएचएस के अनुसार, देश के 13% पुरुष मानसिक सेहत से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में खुदकुशी करने की संभावना तीन गुना ज्यादा है। इसके अलावा अधिक शराब सेवन के कारण होने वाली मौतें भी पुरुषों में महिलाओं की तुलना में दोगुनी हैं। इस प्रकार की चिंताओं के मद्देनजर, ब्रिटेन में "मेन्स सर्कल" जैसे समूह तेजी से बढ़ रहे हैं, जो पुरुषों को अपनी बात कहने का अवसर प्रदान कर रहे हैं।
मेन्स सर्कल: एक सुरक्षित जगह
"मेन्स सर्कल" के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पास्को एश्टन कहा- "पुरुषों को मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं होती हैं, लेकिन इस विषय पर बातचीत नहीं होती। हम इन समूहों के माध्यम से पुरुषों को अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए प्रेरित करते हैं।" ब्रिटिश लेखक जोएल गोल्बी ने भी जब ऐसे समूह से जुड़ने की शुरुआत की, तो उन्हें इसके प्रभाव को लेकर संदेह था। लेकिन जब उन्होंने 8 मिनट तक अपने दिल की बात की, तो उन्हें बहुत राहत मिली।
एंडीज मैन्स क्लब: एक प्रेरणादायक उदाहरण
ऐसा ही एक समूह "एंडीज मैन्स क्लब" है, जिसकी शुरुआत एलेन रॉबर्ट ने की थी। एलेन के बेटे एंड्रयू (23) ने खुदकुशी कर ली थी और इसके बाद उन्होंने यह क्लब शुरू किया। एलेन बताती हैं कि हर हफ्ते इस क्लब में 190 सपोर्ट ग्रुप में लगभग 4500 पुरुष जुड़ते हैं। यह सेवा पूरी तरह मुफ्त है और क्लब कॉफी और स्नैक्स का खर्च भी खुद उठाता है।
छोटे समूहों का बड़ा प्रभाव
ये छोटे समूह पुरुषों को एक सुरक्षित माहौल प्रदान करते हैं, जहां वे बिना किसी आलोचना के अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं। ग्रुप में एक सूत्रधार होता है, जो बातचीत को दिशा देता है, भागीदारी बढ़ाता है और गंभीर मुद्दों पर चर्चा सुनिश्चित करता है। इन समूहों में एक दूसरे से जुड़ने और अपनी भावनाएं साझा करने से पुरुषों को यह एहसास होता है कि वे अकेले नहीं हैं। लगातार मिलने से विश्वास बढ़ता है और रिश्ते मजबूत होते हैं, जिससे पुरुषों के लिए खुलकर बात करना आसान हो जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर एक्सपर्ट की राय
ब्रिटेन के प्रमुख मानसिक स्वास्थ्य एक्सपर्ट डॉ. ल्यूक सुलिवन कहते हैं, "पुरुषों के लिए मानसिक स्वास्थ्य एक शर्मिंदगी की बात मानी जाती है, जबकि उनकी बात सुनने से ही समस्या का समाधान हो सकता है। प्रगतिशील आदर्शों के नाम पर उन्हें चुप कराना, उनके मानसिक स्वास्थ्य को और बिगाड़ रहा है। हमें पुरुषों की भावनाओं को स्वीकारने की जरूरत है और बेटों से उसी तरह बात करनी चाहिए जैसे हम बेटियों से करते हैं। हमें उन्हें सुनने और समझने की जरूरत है, न कि उन्हें नकारने की। वे बात करने के लिए तैयार हैं। बस यह सुनिश्चित करना होगा कि हम उन्हें सुनने के लिए तैयार हैं।"