UK में हेट स्पीच के खिलाफ कड़ा एक्शन, पाकिस्तानियों द्वारा चलाई जा रही 24 मस्जिदों के खिलाफ जांच के आदेश

Edited By Tanuja,Updated: 29 Aug, 2024 07:07 PM

in uk 24 mosques being investigated for spreading hate speech

ब्रिटेन (UK) में हेट स्पीच (Hate Speech) के बढ़ते मामलों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया गया है। गाजा पट्टी में चल रहे इजराइल-हमास संघर्ष के बीच...

London: ब्रिटेन (UK) में हेट स्पीच (Hate Speech) के बढ़ते मामलों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया गया है। गाजा पट्टी में चल रहे इजराइल-हमास संघर्ष के बीच ब्रिटेन में यहूदियों के खिलाफ हेट स्पीच के मामले तेजी से बढ़े हैं। सरकार ने 24 मस्जिदों की जांच का आदेश दिया है, जिन पर गैर-मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले फतवे जारी करने के आरोप लगे हैं। ये मस्जिदें प्रमुख रूप से लंदन, बर्मिंघम, लिवरपूल और मैनचेस्टर जैसे शहरों में स्थित हैं और इन्हें पाकिस्तानी मूल के लोग संचालित करते हैं। इन मस्जिदों पर आरोप है कि उन्होंने इजराइल और यहूदियों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषणों का आयोजन किया और आतंकी संगठन हमास का समर्थन किया।

 

ब्रिटेन की सरकार ने इन मस्जिदों की फंडिंग और गतिविधियों की जांच के आदेश दिए हैं। चैरिटी आयोग, जो धर्मार्थ संगठनों की निगरानी करता है, इस जांच की अगुवाई कर रहा है। आयोग की प्रमुख हेलेन स्टीफेंसन ने कहा कि वे यह भी विचार कर रहे हैं कि क्या इन मस्जिदों से उनका धर्मार्थ दर्जा छीन लिया जाए। बता दें कि
ब्रिटेन में यहूदी समुदाय ने हेट स्पीच के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने मस्जिदों में दिए गए नफरत भरे उपदेशों का एक डोजियर तैयार किया और इसे ब्रिटिश पुलिस के साथ साझा किया। इस डोजियर में उन भाषणों के वीडियो और ऑडियो शामिल हैं, जिनमें मस्जिदों के मौलवियों ने इजराइल और यहूदियों के खिलाफ हिंसक बातें कहीं।

 
ब्रिटेन के कानून के तहत, हमास या उसके सदस्यों का समर्थन करने वाले दोषियों को 14 साल तक की जेल हो सकती है। इस जांच के परिणामस्वरूप, दोषी पाए जाने वाले मस्जिदों के मौलवियों और अन्य संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ब्रिटेन सरकार इस मामले में पूरी गंभीरता के साथ आगे बढ़ रही है, ताकि देश में धार्मिक सद्भावना बनाए रखी जा सके और हेट स्पीच जैसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

 

ये हैं प्रमुख मस्जिदें और मौलवियों के विवादित भाषण


बर्मिंघम की मोहम्मदी मस्जिद 
यहां के मौलवी अबू इब्राहिम हुसैन का भाषण वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने नमाजियों को यहूदियों के खिलाफ हिंसा करने के लिए उकसाया था। हुसैन ने अपने भाषण में कहा, "ऐ मुसलमान, मेरे पीछे एक यहूदी है, आओ और उसे मार डालो।" यह मस्जिद पिछले दो साल में सरकार से 12 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त कर चुकी है।

 

 तौहीद मस्जिद, पूर्वी लंदन 
मौलवी शेख सुहैब हसन ने इजराइल में हमास के हमले को सही ठहराया था और इसे इस्लामी दृष्टिकोण से जायज बताया था। उन्होंने हमास के हिंसक कृत्यों का समर्थन करते हुए मुसलमानों से इसी राह पर चलने का आह्वान किया था।

 

 ग्रीन लेन मस्जिद, बर्मिंघम 
इस मस्जिद के मौलवी जकाउल्लाह सलीम का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने इजराइली सैनिकों की मौत की प्रार्थना की थी।

 

 लिवरपूल की एक अन्य मस्जिद 
यहां के एक मौलवी ने अपने उपदेश में कहा कि यदि "तीन अरब मुस्लिम इजराइल पर चढ़ाई कर दें, तो वह इलाका पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगा।" 

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