Edited By Tanuja,Updated: 08 Dec, 2024 03:56 PM
भारत ने अपनी 'एक्ट ईस्ट' और 'पड़ोसी प्रथम' नीतियों के तहत शनिवार को म्यांमार को 2,200 मीट्रिक टन चावल की खेप भेजी। इस मानवीय सहायता की पुष्टि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता...
International Desk: भारत ने अपनी 'एक्ट ईस्ट' और 'पड़ोसी प्रथम' नीतियों के तहत शनिवार को म्यांमार को 2,200 मीट्रिक टन चावल की खेप भेजी। इस मानवीय सहायता की पुष्टि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर की। जयसवाल ने कहा, "भारत अपनी 'एक्ट ईस्ट' और 'पड़ोसी प्रथम' नीतियों के अनुरूप, म्यांमार के लोगों के लिए मानवीय सहायता देने की प्रतिबद्धता को दोहराता है।" यह खेप चेन्नई बंदरगाह से रवाना हुई, जो यह दर्शाती है कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ स्थिर और सहायक संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
म्यांमार दुनिया में लैंडमाइन के कारण सबसे अधिक हताहतों वाला देश बन गया है, जहां 2023 में 1,000 से अधिक लोग इसका शिकार हुए। इन पीड़ितों में 20% बच्चे शामिल हैं। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है, और भारत की यह सहायता वहां की जटिल परिस्थितियों में राहत प्रदान करने का प्रयास है। सितंबर 2024 में, भारत ने ऑपरेशन ‘सद्भाव’ के तहत 32 टन राहत सामग्री म्यांमार को भेजी थी, जब एक बड़े तूफान ने वहां तबाही मचाई थी।
यह अभियान भारत के व्यापक मानवतावादी सहायता और आपदा राहत (HADR) प्रयासों का हिस्सा है, जो ASEAN (दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ) क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देता है। भारत ने प्राकृतिक आपदाओं और विकास परियोजनाओं के दौरान म्यांमार को पहले भी सहायता दी है। यह चावल की खेप इस बात का प्रतीक है कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ मजबूत और सहायक संबंध बनाए रखना चाहता है।