Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 03 Jan, 2025 07:28 PM
भारत ने हाल ही में चीन द्वारा दो नई काउंटियों (प्रशासनिक क्षेत्रीय इकाईयां) की स्थापना की घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
इंटरनेशनल डेस्क: भारत ने हाल ही में चीन द्वारा दो नई काउंटियों (प्रशासनिक क्षेत्रीय इकाईयां) की स्थापना की घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। चीनी सरकारी मीडिया शिन्हुआ के अनुसार 27 दिसंबर को झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र की सरकार ने हेआन काउंटी और हेकांग काउंटी की स्थापना की घोषणा की। यह काउंटियाँ हॉटन प्रांत द्वारा प्रशासित की जाएँगी, और उनकी सीमाएं भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के कुछ हिस्सों से सटी हैं।
भारत ने इस कदम को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत कभी भी इस क्षेत्र में चीनी कब्जे को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि इन तथाकथित काउंटियों का प्रशासन लद्दाख के क्षेत्र में भारतीय संप्रभुता पर कोई असर नहीं डालेगा। भारत ने इस मुद्दे पर चीन से राजनयिक चैनलों के माध्यम से गंभीर विरोध व्यक्त किया है।
भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि चीनी कब्जे को कभी भी वैधता नहीं दी जाएगी। भारतीय पक्ष ने अपने दीर्घकालिक और सुसंगत रुख का पुनः उल्लेख किया कि लद्दाख का क्षेत्र भारत का अभिन्न हिस्सा है।
इसके अलावा, विदेश मंत्रालय ने चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी पर जलविद्युत परियोजना बनाने को लेकर भी अपनी चिंताएं जताई हैं। चीन ने 25 दिसंबर को तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में यारलुंग त्सांगपो नदी पर एक जलविद्युत परियोजना बनाने की योजना का खुलासा किया था। भारत ने इस परियोजना पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि चीन को सुनिश्चित करना चाहिए कि इससे ब्रह्मपुत्र नदी के निचले तटवर्ती राज्यों के हितों को नुकसान न पहुंचे। भारत ने इस मामले पर पारदर्शिता और परामर्श की आवश्यकता को दोहराया और यह सुनिश्चित किया कि उनके राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।