Edited By Tanuja,Updated: 18 Mar, 2025 05:44 PM
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में वापसी के बाद कड़े फैसलों का सिलसिला जारी है। अब ट्रंप प्रशासन ने 43 देशों की एक सूची तैयार की है, जिनके नागरिकों पर ट्रैवल बैन लगाने ...
Washington:अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में वापसी के बाद कड़े फैसलों का सिलसिला जारी है। अब ट्रंप प्रशासन ने 43 देशों की एक सूची तैयार की है, जिनके नागरिकों पर ट्रैवल बैन लगाने की योजना बनाई गई है। इस सूची को तीन भागों में बांटा गया है रेड, ऑरेंज और येलो। रेड लिस्ट में उन देशों को रखा गया है, जहां के किसी भी नागरिक को अमेरिका में प्रवेश नहीं मिलेगा। इस सूची में भारत के 4 पड़ोसी देशों के नाम भी शामिल हैं और इनमें भूटान का नाम चौंकाने वाला है।
पाकिस्तान और रूस ऑरेंज लिस्ट में
पाकिस्तान और रूस को ट्रंप प्रशासन ने ऑरेंज लिस्ट में रखा है, जिसका मतलब है कि प्रवासियों और पर्यटकों की एंट्री पर सख्त शर्तें होंगी। हालांकि, प्रभावशाली लोगों और व्यापारिक उद्देश्यों से आने वाले व्यक्तियों को अनुमति मिल सकती है। इस सूची में कुल 10 देश शामिल हैं, जिनमें म्यांमार, बेलारूस, हैती, लाओस, एरिट्रिया, सिएरा लियोन, दक्षिण सूडान और तुर्कमेनिस्तान भी हैं।
भूटान को रेड लिस्ट में डालना चौंकाने वाला फैसला
रेड लिस्ट में शामिल देशों के नागरिकों की अमेरिका में एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित होगी। आमतौर पर इसमें अशांत और अमेरिका-विरोधी देशों को रखा जाता है, जैसे कि अफगानिस्तान, क्यूबा, ईरान, लीबिया, उत्तर कोरिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया, वेनेजुएला और यमन। हालांकि, इस बार भूटान का नाम भी इस सूची में शामिल किया गया है, जिससे कई लोगों को आश्चर्य हुआ है।
येलो लिस्ट में 22 देश, चेतावनी के साथ
येलो लिस्ट में 22 देशों को शामिल किया गया है, जिन्हें 60 दिनों का समय दिया जाएगा ताकि वे अपनी सुरक्षा और वीजा प्रक्रिया में सुधार करें। यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उनके नागरिकों पर भी पाबंदियां लग सकती हैं। इस सूची में अंगोला, एंटीगुआ और बारबुडा, कंबोडिया, कैमरून, चाड, कॉन्गो, माली, लाइबेरिया, वानुआतू और जिम्बाब्वे जैसे देश शामिल हैं।
रेड लिस्ट में भूटान का नाम क्यों?
भूटान को दुनिया के सबसे खुशहाल देशों में गिना जाता है, फिर भी इस फैसले के पीछे कुछ अहम कारण बताए जा रहे हैं । अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के मुताबिक, पिछले साल 37% भूटानी नागरिकों ने वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी अमेरिका में रहना जारी रखा। रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल के वर्षों में अवैध तरीकों से अमेरिका पहुंचने वाले भूटानी नागरिकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा माना जा रहा है।
भूटान के नागरिकों की मुश्किलें बढ़ी
अब भूटान के हर नागरिक को वीजा के लिए लंबी जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा। कई मामलों में बिना कारण बताए उनकी वीजा अर्जी खारिज की जा सकती है। इस फैसले से अमेरिका में पहले से रह रहे भूटानी नागरिकों की भी अतिरिक्त जांच होगी। खासतौर पर वे छात्र और प्रोफेशनल्स प्रभावित होंगे, जो उच्च शिक्षा या काम के लिए अमेरिका जाते रहे हैं। भूटान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से इस फैसले की समीक्षा करने की औपचारिक अपील की है। आमतौर पर अमेरिका और भूटान के संबंध अच्छे रहे हैं, लेकिन इस फैसले से इन रिश्तों पर असर पड़ सकता है।