Free Trade Agreement: ओमान के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए भारत तैयार

Edited By Harman Kaur,Updated: 22 Jun, 2024 01:09 PM

india set to sign free trade agreement with oman

भारत सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में ओमान के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर करने के लिए पूरी तरह तैयार है.......

इंटरनेशनल न्यूज़: भारत सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में ओमान के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर करने के लिए पूरी तरह तैयार है। भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की आठवें दौर की वार्ता से पहले ये फैसला लिया गया है।

भारत-ओमान के सदियों पुराने रणनीतिक संबंध नई ऊंचाइयों को छुएंगे-PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीती 12 जून को सोशल मीडिया प्लेटफोर्म X पर एक पोस्ट शेयर की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि, "भारत-ओमान के सदियों पुराने रणनीतिक संबंध नई ऊंचाइयों को छुएंगे।"  “ओमान सल्तनत के महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक को उनके फोन कॉल के लिए धन्यवाद और उनके गर्मजोशी भरे अभिवादन और दोस्ती के शब्दों की गहराई से सराहना करता हूं। यही मामला केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की समीक्षा बैठक में भी उठाया गया था।

भारत ने पिछले 5 सालों में 13 मुक्त व्यापार समझौतों पर किए हस्ताक्षर
एक न्यूज़ चैनल ने मामले से अवगत अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि नरेंद्र मोदी के पिछले कार्यकाल के दौरान भारत और ओमान सल्तनत के बीच बातचीत लगभग पूरी हो गई थी। हालांकि भारत में 2024 के राष्ट्रीय चुनावों की घोषणा के बाद 16 मार्च को आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने के कारण एफटीए सौदे पर हस्ताक्षर नहीं हो सके। अधिकारियों ने कहा कि भारत और ओमान के बीच एफटीए लगभग तय हो चुका है और जल्द ही इसके संपन्न होने की संभावना है। भारत ने पिछले 5 सालों में अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ 13 मुक्त व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

रिपोर्टों के अनुसार, लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले तकरीबन 10 मार्च को भारत ने 4 यूरोपीय देशों - आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विटजरलैंड के एक समूह के साथ एक एफटीए पर हस्ताक्षर किए थे। जहां इन चार देशों ने 15 वर्षों में दस लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने के लिए भारत में 100 बिलियन डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई थी। इस बीच, 24 से 28 जून तक ब्रुसेल्स में होने वाली एफटीए वार्ता के आठवें दौर से पहले, भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) ने कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (CBAM) के बारे में नई दिल्ली की चिंताओं पर चर्चा की। जिसका उद्देश्य 2026 से ईयू में आने वाले कार्बन-गहन उत्पादों पर कर लगाना है। CBAM, जिसका उपयोग करके ईयू गैर-ईयू देशों में स्वच्छ औद्योगिक उत्पादन को प्रोत्साहित करना चाहता है, दो चरणों में विभाजित है, जिसमें पहला चरण (संक्रमणकालीन चरण) 1 अक्टूबर, 2023 से शुरू होगा।

रिपोर्ट के अनुसार, अब तक भारत और यूके के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित एफटीए के लिए कुल 13 दौर की वार्ता हो चुकी है और 14वां दौर 10 जनवरी, 2024 को शुरू हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, हस्ताक्षर होने पर, भारत और ओमान के बीच एफटीए नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय द्विपक्षीय व्यापार सौदा होगा और 2022 के बाद से चौथा होगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 18 फरवरी, 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ एक एफटीए पर हस्ताक्षर किए, इसके बाद उसी वर्ष 2 अप्रैल को ऑस्ट्रेलिया के साथ एक और सौदा किया।

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