Edited By Tanuja,Updated: 14 Sep, 2024 01:37 PM
दुनिया के एक इस्लामिक देश में चौंकाने वाली परंपरा सामने आई है। इंडोनेशिया के साउथ सुलावेसी में स्थित पहाड़ी इलाके में रहने वाली....
International Desk: दुनिया के एक इस्लामिक देश में चौंकाने वाली परंपरा सामने आई है। इंडोनेशिया के साउथ सुलावेसी में स्थित पहाड़ी इलाके में रहने वाली टोराजा जनजाति अपने मृतकों के साथ एक अनोखी परंपरा निभाती है, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। इस जनजाति के लोग मृतकों के शवों को ममी के रूप में संरक्षित रखते हैं और उनकी देखभाल ऐसे करते हैं मानो वे अभी भी जीवित हों।
हर साल अगस्त महीने में फसल की बुआई से पहले टोराजा जनजाति में 'मानेने' नामक एक अनोखी रस्म निभाई जाती है। इस रस्म के तहत परिवार अपने पूर्वजों के शवों को कब्र से बाहर निकालते हैं, उनकी सफाई करते हैं, उन्हें नए कपड़े पहनाते हैं और फिर उनसे जीवित इंसानों की तरह बातचीत करते हैं। उत्सव के माहौल में मृतकों को खाना खिलाया जाता है, सिगरेट पिलाई जाती है, और फिर उन्हें पुनः सम्मानपूर्वक दफना दिया जाता है।
टोराजा जनजाति की इस परंपरा का मूल विचार यह है कि उनके पूर्वजों की आत्मा सदैव उनके साथ रहती है, और इस तरह से उन्हें सम्मान देना उनके जीवन का अहम हिस्सा है। टोराजा जनजाति के लोग मानते हैं कि मृत्यु के बाद आत्मा घर में ही रहती है। इसलिए, मृतक के शव को दफनाने से पहले उसे एक अलग कमरे में आराम से लिटाकर रखा जाता है, जहां उसे नियमित रूप से भोजन, पानी और सिगरेट तक दी जाती है। यह प्रक्रिया तब तक चलती है, जब तक परिवार अंतिम संस्कार का खर्च नहीं जुटा पाता। अंतिम संस्कार के दौरान भैंसों और सूअरों की बलि दी जाती है, और यह बलि परिवार की आर्थिक स्थिति के अनुसार बढ़ती है।ऐसा