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बांग्लादेश में रमजान के दौरान कट्टरपंथी ताकतों का प्रभाव बढ़ा,  दबाव में महिलाएं और व्यापारी

Edited By Harman Kaur,Updated: 12 Mar, 2025 11:15 AM

influence of fundamentalist forces increased during ramadan in bangladesh

बांग्लादेश में रमजान के दौरान कट्टरपंथी ताकतों की गतिविधियों में तेजी आई है। खासकर, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद डॉ. मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर निष्क्रियता के आरोप लग रहे हैं। कट्टरपंथी संगठन अपने प्रभाव को बढ़ा...

नेशनल डेस्क: बांग्लादेश में रमजान के दौरान कट्टरपंथी ताकतों की गतिविधियों में तेजी आई है। खासकर, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद डॉ. मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर निष्क्रियता के आरोप लग रहे हैं। कट्टरपंथी संगठन अपने प्रभाव को बढ़ा रहे हैं और कई जगहों पर व्यापारियों को धमकी दी जा रही है कि अगर उन्होंने रमजान में रोजे के समय अपनी दुकानों को बंद नहीं किया, तो उन्हें जबरन बंद कर दिया जाएगा।

रमजान के पहले दिन ही जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख डॉ. शफीकुर्रहमान ने सरकार से मांग की कि दिन में होटलों और रेस्टोरेंट्स को बंद किया जाए। 2 मार्च को चांदपुर जिले के बाजार समिति ने खाद्य दुकानों और होटलों को बंद करने का आदेश दिया था। इसके अलावा मदारीपुर में भी होटलों को बंद करने की धमकी दी गई।

महिलाओं की सुरक्षा और हिजाब पर बढ़ रहा दबाव
बांग्लादेश में महिलाओं की "मॉरल पुलिसिंग" तेज हो गई है। सादी वर्दी में तैनात सुरक्षाकर्मी और कट्टरपंथी संगठन महिलाओं पर हिजाब पहनने और 'सही' कपड़े पहनने का दबाव बना रहे हैं। ढाका के श्यामोली क्षेत्र में एक युवक द्वारा सेक्स वर्करों पर हमला करने का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक महिला युवक के पैर पकड़कर माफी मांग रही थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। कट्टरपंथी संगठनों का कहना है कि बांग्लादेश में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

ढाका यूनिवर्सिटी के एक कर्मचारी मुस्तफा आसिफ अर्नब ने एक छात्रा से अभद्र टिप्पणी की और उसे हिजाब ठीक से पहनने को कहा। जब छात्रा ने पुलिस में शिकायत की, तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, बाद में कट्टरपंथी समूह 'तौहीदी जनता' ने शाहबाग पुलिस स्टेशन को घेर लिया और आरोपी को रिहा करवा लिया। इसके बाद आरोपी का फूलों से स्वागत भी किया गया। शिकायतकर्ता छात्रा को सोशल मीडिया पर धमकियां मिल रही हैं, और उसका फोन नंबर सार्वजनिक कर दिया गया।

बांग्लादेश में तख्तापलट की साजिश, सैन्य अधिकारियों पर निगरानी
बांग्लादेश में 13 सैन्य अधिकारियों को तख्तापलट की साजिश में शामिल होने के आरोप में निगरानी में रखा गया है। इनमें पाकिस्तान के करीबी लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, रहमान ने पाकिस्तानी राजनयिकों और जमात-ए-इस्लामी के नेताओं के साथ कई बैठकें की थीं, जिनका उद्देश्य सेना प्रमुख वकर-उज-जमान के खिलाफ समर्थन जुटाना था। हालांकि, उन्हें पर्याप्त समर्थन नहीं मिल पाया। मार्च के पहले सप्ताह में रहमान ने प्रमुख डिवीजनल कमांडरों की बैठक बुलाई, लेकिन सेना प्रमुख के सचिवालय को इसकी जानकारी मिल गई, जिससे शीर्ष अधिकारियों ने अपनी स्थिति को मजबूत किया।

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