Edited By Tanuja,Updated: 29 Jun, 2024 03:50 PM
![iran goes to a runoff election between reformist pezeshkian and jalili](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_6image_15_47_045571661420-ll.jpg)
ईरान में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए हुए मतदान में किसी भी प्रत्याशी को जीत के लिए पर्याप्त मत नहीं मिले, जिसके बाद सुधारवादी उम्मीदवार मसूद...
दुबई: ईरान में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए हुए मतदान में किसी भी प्रत्याशी को जीत के लिए पर्याप्त मत नहीं मिले, जिसके बाद सुधारवादी उम्मीदवार मसूद पेजेशकियन और कट्टरपंथी सईद जलीली के बीच अब सीधा मुकाबला होगा। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। चुनाव प्रवक्ता मोहसिन इस्लामी ने बताया कि पेजेशकियन और जलीली के बीच सीधा मुकाबला शुक्रवार को होगा। इस्लामी ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान चुनाव परिणाम की घोषणा की, जिसका ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल ने सीधा प्रसारण किया। उन्होंने बताया कि कुल दो करोड़ 45 लाख मतों में से पेजेशकियन को एक करोड़ चार लाख और जलीली को 94 लाख वोट मिले।
संसद के कट्टरपंथी स्पीकर मोहम्मद बाघेर कलीबाफ को 33 लाख वोट मिले और शिया धर्मगुरु मुस्तफा पूरमोहम्मदी को करीब 2,06,000 वोट मिले हैं। ईरान के कानून के अनुसार, 50 प्रतिशत से अधिक मत हासिल करने पर ही कोई उम्मीदवार विजेता घोषित किया जा सकता हैं और यदि ऐसा नहीं होता है, तो शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला होगा। ईरान के राष्ट्रपति पद के चुनावी इतिहास में केवल एक बार 2005 में ऐसा हुआ है जब कट्टरपंथी महमूद अहमदीनेजाद ने पूर्व राष्ट्रपति अकबर हाशमी रफसंजानी को हराया था।
इस्लामी ने कहा कि परिणाम को देश की संरक्षक परिषद की औपचारिक मंजूरी की आवश्यकता होगी, लेकिन उम्मीदवारों ने परिणाम को कोई चुनौती नहीं दी है। ईरान में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ था। ईरान के कट्टरपंथी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मई में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में मृत्यु हो गई थी, जिस कारण देश में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराया गया। यह चुनाव ऐसे समय में हो रहा है, जब इजराइल-हमास के बीच जारी युद्ध को लेकर पश्चिम एशिया में व्यापक स्तर पर तनाव है और ईरान पिछले कई वर्षों से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।