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नहीं पहना हिजाब तो होगी सजा, महिलाओं पर ड्रोन से नजर रख रहा ईरान

Edited By Parminder Kaur,Updated: 16 Mar, 2025 12:47 PM

iran is keeping an eye on women with drones

ईरान में महिलाओं के लिए अनिवार्य हिजाब कानून को सख्ती से लागू करने के लिए सरकार ने ड्रोन, चेहरे की पहचान प्रणाली (फेशियल रिकग्निशन) और नागरिकों की रिपोर्टिंग एप्लिकेशन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में दी...

इंटरनेशनल डेस्क. ईरान में महिलाओं के लिए अनिवार्य हिजाब कानून को सख्ती से लागू करने के लिए सरकार ने ड्रोन, चेहरे की पहचान प्रणाली (फेशियल रिकग्निशन) और नागरिकों की रिपोर्टिंग एप्लिकेशन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, ईरान सरकार एक एप्लिकेशन का इस्तेमाल कर रही है जिसका नाम 'नाजर' है, जिसके जरिए नागरिक और पुलिस हिजाब नियमों का उल्लंघन करने वाली महिलाओं की रिपोर्ट कर सकते हैं।

नाजर एप का इस्तेमाल

इस एप के माध्यम से लोग किसी वाहन का नंबर, स्थान और समय अपलोड कर सकते हैं, जिसमें कोई महिला बिना हिजाब के दिखाई देती है। इसके बाद यह एप वाहन को ऑनलाइन "फ्लैग" कर पुलिस को अलर्ट भेजता है। रिपोर्ट के मुताबिक, एप के जरिए वाहन मालिक को एक टेक्स्ट मैसेज भेजा जाता है, जिसमें उन्हें सूचित किया जाता है कि उनके वाहन में हिजाब नियम का उल्लंघन हुआ है। यदि वे इस चेतावनी को नजरअंदाज करते हैं, तो उनका वाहन जब्त किया जा सकता है। सितंबर 2024 में इस एप का दायरा बढ़ाकर एंबुलेंस, टैक्सी और सार्वजनिक परिवहन तक कर दिया गया है।

ड्रोन और फेशियल रिकग्निशन से निगरानी

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान सरकार ने राजधानी तेहरान और दक्षिणी इलाकों में सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब नियमों की निगरानी के लिए 'एरियल ड्रोन' तैनात किए हैं। इसके अलावा 2024 की शुरुआत में तेहरान के अमीरकबीर यूनिवर्सिटी के प्रवेश द्वार पर फेशियल रिकग्निशन सॉफ़्टवेयर भी लगाया गया है, ताकि हिजाब न पहनने वाली छात्राओं की पहचान की जा सके।

कानूनी दंड और सजा

दिसंबर 2024 में ईरान ने आंतरिक बहस के बाद 'हिजाब और शालीनता' कानून को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था, लेकिन यह कानून अब भी महिलाओं और लड़कियों के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है। अगर इस कानून को फिर से लागू किया गया, तो हिजाब न पहनने पर महिलाओं को 10 साल तक की जेल और 12,000 डॉलर (करीब 10 लाख रुपये) तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। ईरान के इस्लामिक दंड संहिता के अनुच्छेद 286 के तहत यदि किसी महिला पर 'भ्रष्टाचार फैलाने' का आरोप लगाया जाता है, तो उसे मौत की सजा भी दी जा सकती है।

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