Edited By Tanuja,Updated: 11 Aug, 2024 05:28 PM
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने पश्चिमी ईरान के केरमानशाह प्रांत में सैन्य अभ्यास शुरू किया है, जो मंगलवार तक जारी रहेगा। यह अभ्यास इराक की सीमा के पास हो रहा है और इसका उद्देश्य "युद्ध की तैयारी और सतर्कता" को बढ़ाना है....
International Desk: ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने पश्चिमी ईरान के केरमानशाह प्रांत में सैन्य अभ्यास शुरू किया है, जो मंगलवार तक जारी रहेगा। यह अभ्यास इराक की सीमा के पास हो रहा है और इसका उद्देश्य "युद्ध की तैयारी और सतर्कता" को बढ़ाना है। यह सैन्य अभ्यास ऐसे समय पर हो रहा है जब ईरान ने 31 जुलाई को हमास प्रमुख इस्माइल हनीयेह की हत्या के बाद इजरायल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की धमकी दी है। ईरान और हमास का आरोप है कि हनीयेह की हत्या इजरायल ने की है, जबकि इजरायल ने इस आरोप की पुष्टि या इनकार नहीं किया है।
🇮🇷IRAN BEGINS MILITARY EXERCISES
The drills are taking place in the western province of Kermanshah, close to the border with Iraq, to "enhance combat readiness and vigilance.”
Iran's elite Revolutionary Guards are expected to complete the exercises on Tuesday.
They have… pic.twitter.com/dfKu4qd5Rz
— Mario Nawfal (@MarioNawfal) August 11, 2024
ईरानी मीडिया के अनुसार, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के डिप्टी कमांडर अली फदावी ने कहा है कि ईरान के सर्वोच्च नेता के आदेश के तहत इजरायल को कड़ी सज़ा दी जाएगी और हनीयेह का बदला लिया जाएगा। इस स्थिति से क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता है और यह चिंता का विषय है कि यह संघर्ष एक व्यापक मध्य पूर्व युद्ध में बदल सकता है। बता दें कि इस समय ईरान और इजराइल के बीच तनाव बढ़ा हुआ है, और सैन्य अभ्यास और संघर्षविराम वार्ताओं के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। यह स्थिति क्षेत्रीय सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की निगाहें इस पर बनी हुई हैं।
इजराइल-ईरान संघर्ष के कारण
ऐतिहासिक और राजनीतिक तकरार: मूल कारण: इजराइल और ईरान के बीच ऐतिहासिक तनाव का मुख्य कारण क्षेत्रीय राजनीति और शक्ति संघर्ष है। 1979 में ईरान में इस्लामी क्रांति के बाद से, ईरान ने इजराइल के अस्तित्व को अस्वीकार किया है और इजराइल को "ज़ायोनिस्ट शासन" कहकर पुकारा है।
परमाणु कार्यक्रम: परमाणु चिंता: ईरान का परमाणु कार्यक्रम इजराइल के लिए एक बड़ा चिंता का विषय है। इजराइल का आरोप है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांति के उद्देश्य से नहीं है, बल्कि यह एक संभावित परमाणु हथियार बनाने की दिशा में है। इसके जवाब में, इजराइल ने ईरान के परमाणु सुविधाओं पर हमलों की धमकी दी है और ऐसे कार्यक्रमों को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश की है।
प्रॉक्सी युद्ध और क्षेत्रीय प्रभाव: ईरान ने मध्य पूर्व में अपनी प्रभावी शक्ति को बढ़ाने के लिए हिजबुल्लाह (लेबनान) और हमास (गाजा पट्टी) जैसे प्रॉक्सी समूहों का समर्थन किया है। इजराइल के लिए, ये समूह सीधे खतरा पैदा करते हैं और इजराइल के खिलाफ सैन्य गतिविधियों में शामिल होते हैं।
मिसाइल परीक्षण और सैन्य अभ्यास: ईरान ने विभिन्न मिसाइल परीक्षण किए हैं, जिनमें शार्ट-रेंज और लॉन्ग-रेंज मिसाइलें शामिल हैं। इजराइल को डर है कि ईरान की मिसाइलें इजराइल तक पहुँच सकती हैं और इसलिए ईरान की मिसाइल क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया और दबाव: अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, अमेरिका और कुछ यूरोपीय देश इजराइल के समर्थन में हैं और ईरान के खिलाफ विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध और दबाव डाल रहे हैं। ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा लागू की गई प्रतिबंधों के कारण, इस तनाव में और भी वृद्धि हुई है।