Edited By Tanuja,Updated: 04 Oct, 2024 03:22 PM
इज़रायल द्वारा 27 सितंबर को किए हमले में हिज़बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है। ईरान ने...
International Desk: इज़रायल द्वारा 27 सितंबर को किए हमले में हिज़बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है। ईरान ने नसरल्लाह को पहले ही संभावित हमले के बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन नसरल्लाह ने अगर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई की सलाह मानी होती, तो उसकी जान बच सकती थी। इस बीच, इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद को इस पूरी योजना की भनक लग चुकी थी और उसने अपनी कड़ी निगरानी से नसरल्लाह का बचने का प्लान नाकाम कर दिया।
कैसे मिली मोसाद की सटीक जानकारी लीक?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, खामेनेई ने हिज़बुल्लाह के चीफ को तुरंत स्थान बदलने और एक सुरक्षित जगह पर जाने की सलाह दी थी, क्योंकि इज़रायल उनके ठिकाने पर हमला करने की योजना बना रहा था। लेकिन नसरल्लाह ने इस अलर्ट को गंभीरता से नहीं लिया, जिससे उनकी मौत हो गई। खुफिया सूत्रों के अनुसार, मोसाद ने न केवल इस चेतावनी की जानकारी जुटा ली थी, बल्कि यह भी पता लगा लिया था कि नसरल्लाह कहां छिपा हुआ है।
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मोसाद का प्लान कर गया काम
जैसे ही मोसाद को नसरल्लाह के ठिकाने की सटीक जानकारी मिली, उसने इज़रायली वायुसेना को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। नसरल्लाह को मारने के लिए इज़रायली वायुसेना ने बेरूत के दहिया इलाके में स्थित हिज़बुल्लाह के मुख्यालय पर एक बड़ा हवाई हमला किया। यह वही स्थान था, जहां नसरल्लाह गुप्त रूप से छिपा हुआ था। इस हमले में नसरल्लाह और हिज़बुल्लाह के कई वरिष्ठ नेता मारे गए।
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ईरान और हिज़बुल्लाह में बढ़ा डर
नसरल्लाह की मौत के बाद, हिज़बुल्लाह और ईरान के कट्टरपंथी संगठनों में भय का माहौल है। उन्हें अब यह डर सता रहा है कि मोसाद के एजेंट उनकी आंतरिक रणनीतियों और योजनाओं तक पहुंच चुके हैं। ईरान के अधिकारियों को भी आशंका है कि इज़रायल ने उनके सुरक्षा नेटवर्क में सेंधमारी कर दी है, और अब उनके खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
हिज़बुल्लाह का अगला कदम
हिज़बुल्लाह में फिलहाल नई नेतृत्व प्रक्रिया चल रही है, जिसमें हाशिम सफीद्दीन का नाम सामने आ रहा है। हालांकि, इज़रायल की ओर से सफीद्दीन को भी निशाना बनाया जा चुका है। हिज़बुल्लाह के भीतर अब इस बात की चर्चा हो रही है कि संगठन को सुरक्षित रखने के लिए क्या कदम उठाए जाएं और किस प्रकार से मोसाद की निगरानी से बचा जाए।