Edited By Tanuja,Updated: 16 Sep, 2024 01:21 PM
ईरान ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण सैटेलाइट लॉन्च किया है, जिसे उसने अपने ‘रिवॉल्यूशनरी गार्ड’ के जरिए सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह...
International Desk: ईरान ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण सैटेलाइट लॉन्च किया है, जिसे उसने अपने ‘रिवॉल्यूशनरी गार्ड’ के जरिए सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह लॉन्च ईरान के बढ़ते अंतरिक्ष और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम का हिस्सा है, जिससे पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका, को चिंता हो रही है कि यह तकनीक ईरान को लंबे दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों के विकास में मदद दे सकती है।
पश्चिमी देशों की चिंता
सरकारी मीडिया ने इसके उद्देश्य पर ज्यादा जानकारी नहीं दी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपग्रह ईरान के सैन्य और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए हो सकता है।ईरान का यह लॉन्च ऐसे समय में हुआ है जब इजराइल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है, जिससे पहले ही पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ा हुआ है। इसके अलावा, ईरान का परमाणु कार्यक्रम और यूरेनियम संवर्धन भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। निरस्त्रीकरण विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान की अंतरिक्ष तकनीक उसे बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को और उन्नत करने में मदद दे सकती है।
अमेरिका ने दी सख्त प्रतिक्रिया
अमेरिका ने इस लॉन्च पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम लंबे समय से इस बात की चिंता जता रहे हैं कि ईरान का अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान कार्यक्रम लंबी दूरी की मिसाइलों के विकास को बढ़ावा देगा, जो हमारे लिए और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।" जबकि ईरान ने इस लॉन्च को अपनी वैज्ञानिक और सैन्य क्षमता का हिस्सा बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य शांतिपूर्ण और रक्षात्मक है। ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड पहले भी ऐसे प्रक्षेपण कर चुके हैं। इस साल की शुरुआत में भी ईरान ने ‘कायम-100’ रॉकेट का सफल परीक्षण किया था, जिससे संकेत मिलता है कि ईरान इस तकनीक में लगातार प्रगति कर रहा है।
लॉन्च की प्रमुख बातें
रॉकेट का नाम: 'कायम-100', जो तीन-चरण वाला ठोस ईंधन से संचालित रॉकेट है।
उपग्रह का नाम: 'चमरान-1', जिसका वजन 60 किलोग्राम है।
लॉन्च स्थान: शाहरूद शहर के बाहरी इलाके, जो तेहरान से 350 किलोमीटर पूर्व में स्थित है।