Iran में पड़ रही पृथ्वी की सबसे अधिक गर्मी ! Heat Index पहुंचा 82 डिग्री के पार, वैज्ञानिकों का अलर्ट जारी

Edited By Tanuja,Updated: 02 Sep, 2024 11:26 AM

iran village records earth s highest ever heat index at 82 2 c

हाल ही में, दक्षिणी ईरान के एक मौसम केंद्र ने रिकॉर्ड तोड़ते हुए 82.2 डिग्री सेल्सियस का हीट इंडेक्स दर्ज किया। अगर यह आंकड़ा सही साबित होता है, तो यह अब तक का सबसे उच्च ....

International Desk: हाल ही में, दक्षिणी ईरान के एक मौसम केंद्र ने रिकॉर्ड तोड़ते हुए 82.2 डिग्री सेल्सियस का हीट इंडेक्स दर्ज किया। अगर यह आंकड़ा सही साबित होता है, तो यह अब तक का सबसे उच्च तापमान होगा, जो इंसानों के लिए अत्यधिक खतरनाक साबित हो सकता है। यह तापमान ईरान के एक हवाई अड्डे पर मापा गया, जहां हवा का तापमान 38.9 डिग्री सेल्सियस और आर्द्रता 85% थी। इन दो कारकों ने मिलकर हीट इंडेक्स को इस खतरनाक स्तर तक पहुंचाया। हीट इंडेक्स वह मापदंड है, जो तापमान और आर्द्रता को मिलाकर तय किया जाता है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सके कि बाहर की गर्मी इंसानों पर किस प्रकार का प्रभाव डाल रही है। ईरान में हाल ही में मापे गए 82.2 डिग्री सेल्सियस के हीट इंडेक्स ने दुनिया भर में चिंता पैदा कर दी है। यह आंकड़ा दक्षिणी ईरान के अहवाज शहर में स्थित एक हवाई अड्डे के मौसम केंद्र पर दर्ज किया गया। इस क्षेत्र में 38.9 डिग्री सेल्सियस का तापमान और 85% की आर्द्रता थी, जिसने मिलकर एक अत्यधिक खतरनाक हीट इंडेक्स को जन्म दिया।

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 हीट इंडेक्स एक मापदंड है जो तापमान और आर्द्रता को मिलाकर यह दर्शाता है कि मानव शरीर को वास्तविक रूप में कितनी गर्मी महसूस होती है। जब आर्द्रता अधिक होती है, तो पसीना जल्दी नहीं सूखता, जिससे शरीर की ठंडक प्रणाली प्रभावित होती है। इस स्थिति में हीट इंडेक्स बढ़ जाता है, जिससे अत्यधिक गर्मी महसूस होती है। 82.2 डिग्री सेल्सियस का हीट इंडेक्स असाधारण रूप से खतरनाक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब हीट इंडेक्स 54 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है, तो इंसानों के लिए बाहर रहना जानलेवा हो सकता है। इस स्तर पर शरीर को ठंडा करने की प्राकृतिक क्षमता पूरी तरह से बाधित हो जाती है, जिससे हीट स्ट्रोक और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है।

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हालांकि, अमेरिकी मौसम विज्ञानी कॉलिन मैकार्थी ने सोशल मीडिया पर कहा कि इस डेटा की सटीकता की पुष्टि के लिए औपचारिक जांच आवश्यक है। अगर यह आंकड़े सही साबित होते हैं, तो यह न केवल पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ देगा, बल्कि यह भी संकेत देगा कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में गर्मी की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। जलवायु वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण ऐसे चरम मौसमी हालात भविष्य में और भी आम हो सकते हैं। यह घटना पूरी दुनिया को एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है कि हमें पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए गंभीर कदम उठाने होंगे।हालांकि, अमेरिकी मौसम विज्ञानी कॉलिन मैकार्थी ने सोशल मीडिया पर कहा कि इस डेटा की सटीकता की पुष्टि के लिए औपचारिक जांच आवश्यक है। अगर यह आंकड़े सही साबित होते हैं, तो यह न केवल पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ देगा, बल्कि यह भी संकेत देगा कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में गर्मी की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

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जलवायु वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण ऐसे चरम मौसमी हालात भविष्य में और भी आम हो सकते हैं। यह घटना पूरी दुनिया को एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है कि हमें पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए गंभीर कदम उठाने होंगे।यह घटना ग्लोबल वार्मिंग के खतरनाक प्रभावों का एक स्पष्ट संकेत है। जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान में हो रही बढ़ोतरी से भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं आम हो सकती हैं।पिछले कुछ दशकों में, दुनिया के कई हिस्सों में हीट वेव्स (गर्मी की लहरें) और अत्यधिक तापमान की घटनाएं बढ़ी हैं। ऐसी घटनाओं से न केवल मानव जीवन खतरे में पड़ता है, बल्कि कृषि, जल संसाधनों और बायोडायवर्सिटी पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है।
 
 

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