Edited By Tanuja,Updated: 03 Mar, 2025 05:04 PM
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अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ 2015 में परमाणु समझौता कराने में अहम भूमिका निभाने वाले ईरान के पूर्व विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने कथित तौर पर कट्टरपंथियों के ...
Washington: अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ 2015 में परमाणु समझौता कराने में अहम भूमिका निभाने वाले ईरान के पूर्व विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने कथित तौर पर कट्टरपंथियों के दबाव के आगे झुकते हुए सुधारवादी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन की सरकार से सोमवार को इस्तीफा दे दिया। जरीफ के इस्तीफे से यह संकेत मिलता है कि ईरान पश्चिम के साथ अपने संबंधों से तेजी से पीछे हट रहा है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप देश पर लगाए गए प्रतिबंधों को और कड़ा कर रहे हैं।
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जरीफ, पेजेशकियन के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति रह चुके हैं और लंबे समय से देश के कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे हैं। उन्होंने इससे पहले भी एक बार इस्तीफा देने की कोशिश की थी और फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस बार पेजेशकियन ने उनका इस्तीफा स्वीकार किया है या नहीं। यह घटनाक्रम ईरान की संसद द्वारा रविवार को वित्त मंत्री अब्दोलनसेर हेममती पर महाभियोग चलाए जाने के बाद सामने आया है।
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हेममती ने एक बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ा था, जिससे यह संकेत मिला था कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति से सीधे बात करने के इच्छुक हैं। सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने सोमवार को बताया कि जरीफ ने पिछली रात पेजेशकियन को अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि राष्ट्रपति ने इसे स्वीकार किया या नहीं।
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