Edited By Tanuja,Updated: 08 Jan, 2025 03:43 PM
ईरान में इस्लामी सरकार के खिलाफ महिलाओं का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में एक और घटना प्रकाश में आई है, जहां एक महिला ने ईरान के मेहराबाद एयरपोर्ट पर एक मौलवी...
Internationl Desk: ईरान में इस्लामी सरकार के खिलाफ महिलाओं का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में एक और घटना प्रकाश में आई है, जहां एक महिला ने ईरान के मेहराबाद एयरपोर्ट पर एक मौलवी की पगड़ी उतारकर अपने सिर पर रख ली। यह घटना एक बार फिर से ईरान की हिजाब नीति और महिलाओं के अधिकारों के मुद्दे को लेकर बहस छेड़ दी है। महिला ने मौलवी से कहा, "अब तुम्हें इज्जत मिल गई," जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह विरोध हिजाब (Iran hijab protest) और महिलाओं की आज़ादी के अधिकार के मुद्दे से जुड़ा था। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि एक महिला, जो जींस पहने और बिना हिजाब के थी, एयरपोर्ट पर एक मौलवी से बहस कर रही थी।
वीडियो में महिला चीखते हुए मौलवी के पास जाती है और उसकी पगड़ी को जबरदस्ती उतार लेती है। पगड़ी को उतारने के बाद, वह उसे अपने सिर पर रख लेती है और मौलवी से कहती है, "लो, अब तुम्हें इज्जत मिल गई।" इसके बाद, महिला अपने पति को ढूंढने की कोशिश करती है और उसे पुकारती है, लेकिन जब वह नहीं मिल पाता, तो वह मौलवी से सवाल करती है, "बताओ, तुमने मेरे पति के साथ क्या किया?" हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इस बहस का असली कारण क्या था, लेकिन महिला का यह कदम ईरान की हिजाब नीति और महिलाओं के अधिकारों के लिए विरोध की एक और कड़ी प्रतीत होता है। ईरान इंटरनेशनल द्वारा साझा किए गए वीडियो में इस घटना को दिखाया गया, जिससे यह साबित होता है कि महिलाओं द्वारा इस्लामी शरिया कानून और हिजाब को लेकर लगातार विरोध बढ़ रहा है।
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इसके बाद, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स से जुड़े मीडिया आउटलेट, "मशरेघ न्यूज" ने दावा किया कि इस घटना का हिजाब से कोई संबंध नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि महिला मानसिक समस्याओं से ग्रस्त है और इस घटना के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया गया। महिला को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया, लेकिन बाद में शिकायतकर्ता के कहने पर उसे रिहा कर दिया गया। इस घटना के बाद, कई लोगों ने यह सवाल उठाया कि क्या सरकार की मानसिक स्वास्थ्य के दावे के पीछे महिलाओं के अधिकारों की आवाज को दबाने की कोशिश है। 2022 में महसा अमिनी की मौत के बाद से ईरान में महिलाओं ने हिजाब और शरिया कानून के खिलाफ अपनी आवाज उठानी शुरू कर दी है। महसा अमिनी की गिरफ्तारी और उसके बाद हुई मौत ने देश भर में महिलाओं के अधिकारों के लिए बड़े आंदोलन को जन्म दिया।
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इसके बाद, महिलाओं ने हिजाब को अनिवार्य करने वाली नीतियों के खिलाफ अपने विरोध को तेज़ कर दिया।ईरान की इस्लामी सरकार महिलाओं के विरोध को दबाने के लिए कई उपायों का सहारा ले रही है। दिसंबर 2023 में, ईरान एयरपोर्ट पुलिस के प्रमुख मोहलेन अघिली ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि अगर एयरपोर्ट पर महिलाएं हिजाब का उल्लंघन करती हैं, तो उन्हें एयरपोर्ट सेवाओं से वंचित कर दिया जाएगा। यह कदम स्पष्ट रूप से महिलाओं के अधिकारों को दबाने और सरकार की इस्लामी शरिया नीति को लागू करने की कोशिश है।