Edited By Tanuja,Updated: 08 Aug, 2024 11:58 AM
इजराइल ने नए हमास नेता याह्या सिनवार की ताजपोशी के चंद घंटों बाद ही अपना अल्टीमेटम जारी किया है कि चीफ इस्माइल हानियेह के...
International Desk: इजराइल ने नए हमास नेता याह्या सिनवार की ताजपोशी के चंद घंटों बाद ही अपना अल्टीमेटम जारी किया है कि चीफ इस्माइल हानियेह के बाद अब सिनवार भी उसके पास नरक जाने की तैयारी कर ले। इज़राइल ने जिस तरह ईरान में घुसकर हमास चीफ इस्माइल हानियेह का कत्ल किया, उससे एक बार फिर साबित हो गया कि इज़राइल अपने दुश्मन को कहीं भी, कभी भी मार सकता है। हनियेह का तेहरान के जिस गेस्ट हाउस में कत्ल किया गया, उस जगह पर दो महीने पहले इज़राइल ने बम छिपा दिया था। जब मौका मिला, तो उसे उड़ा दिया। अब हमास चीफ की कुर्सी पर डिप्टी रहे याह्या सिनवार की ताजपोशी हो चुकी है और इज़राइल के मुताबिक, इसके साथ ही सिनवार की जिंदगी की उल्टी गिनती भी शुरू हो गई है। इज़राइल के विदेश मंत्री काट्ज ने कहा कि सिनवार की ताजपोशी उसकी मौत की आहट है, जिसे जल्द ही अंजाम दिया जाएगा।
इज़रायली हुकूमत का मानना है कि पिछले साल 7 अक्तूबर को उसकी धरती पर हुए नरसंहार के पीछे सबसे बड़ा हाथ याह्या सिनवार का ही था। सिनवार गाज़ा में हमास का नेटवर्क चलाता है और हानियेह के बाद वही हमास का सर्वेसर्वा है। हानियेह की मौत के बाद सिनवार की मंगलवार को ताजपोशी भी कर दी गई। इज़राइल ने अब सिनवार को खत्म करने की कसम खा ली है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है। 11 महीनों से चली आ रही जंग की शुरुआत से ही सिनवार इज़राइल के निशाने पर है। बुधवार को एक सैन्य अड्डे पर प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इज़राइल अपनी रक्षा के लिए "दृढ़" था, है और हमेशा रहेगा। उन्होंने सेना में भर्ती हुए नए सैनिकों को अपने संदेश में कहा कि हम अपनों की रक्षा करने और दुश्मनों का विनाश करने के लिए तत्पर हैं।
इजराइली सेना का मानना है कि सिनवार गाज़ा में किसी सुरंग के भीतर छिपा हुआ है। इसलिए इज़रायली सेना ने अभी भी गाज़ा में अपना ऑपरेशन जारी रखा हुआ है। सिनवार 2017 से गाज़ा में हमास के लीडर की भूमिका निभा रहा है। 7 अक्टूबर के हमले के बाद से उसे सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है। 7 अक्टूबर को उसके कहने पर हमास के गुर्गों ने पहले इज़राइल पर बमों की बारिश की और फिर जमकर कत्लेआम मचाया।
इस घटना में कम से कम 2000 इज़रायली मारे गए थे। माना जाता है कि हानियेह युद्ध के बजाय राजनीतिक रूप से हमास का नेतृत्व कर रहे थे। इज़राइल और हमास के बीच मध्यस्थता में हानियेह ने अहम भूमिका निभाई। इसके उलट, सिनवार युद्ध की वकालत करते रहे हैं। यही वजह है कि सिनवार इज़राइल के साथ युद्धविराम का कभी इच्छुक नहीं रहा। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि कतर में रहने वाले हानियेह की तुलना में सिनवार तेहरान सरकार के ज्यादा करीब है।