Edited By Tanuja,Updated: 02 Nov, 2024 01:27 PM
ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने हाल ही में इजरायल पर संभावित जवाबी हमले के लिए देश की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं। यह आदेश इजरायल द्वारा ईरान में किए गए...
International Desk: ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने हाल ही में इजरायल पर संभावित जवाबी हमले के लिए देश की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं। यह आदेश इजरायल द्वारा ईरान में किए गए हमलों के जवाब में आया है, जिसमें करीब 20 महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया गया था। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, खामेनेई ने तीन ईरानी अधिकारियों के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि इजरायल के हमलों का उचित जवाब देना बेहद जरूरी है। खामेनेई ने कहा है कि हमलों को नजरअंदाज करना या पीछे हटना ईरान की हार स्वीकार करने जैसे होगा, इसलिए अब जवाबी कार्रवाई की तैयारी करनी होगी। संभावित ईरानी हमलों में इजरायल की सैन्य साइटों को लक्ष्य बनाया जा सकता है।
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खबरों के मुताबिक, ईरान की ओर से इजरायल पर किया जाने वाला हमला अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव, जो कि 5 नवम्बर को हो रहा है, के बाद हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि ईरान ने अमेरिकी चुनाव में मतदान तक अपनी सैन्य कार्रवाई को टालने का निर्णय लिया है ताकि अमेरिका की ओर से संघर्ष को बढ़ाने का दबाव कम हो सके। हालांकि, कुछ जानकारों का मानना है कि ईरान का हमला इससे पहले भी हो सकता है। इजरायल और ईरान के बीच गत वर्ष से खींचतान बनी हुई है, जो गाजा में युद्ध के प्रारंभ के साथ बढ़ी थी। इस वर्ष अप्रैल में दोनों देशों के बीच एक-दूसरे पर मिसाइल दागने का भी मामला सामने आया था।
हालात कुछ महीनों तक शांत रहे, लेकिन अक्टूबर में फिर से तनाव बढ़ गया। 1 अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर लगभग 180 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं, जिसके जवाब में 26 अक्टूबर को इजरायली वायु सेना द्वारा ईरान के ठिकानों पर हमले किए गए।ईरानी अधिकारियों का कहना है कि ईरान को इजरायल के हमलों का उचित जवाब देने का पूरा अधिकार है। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के कमांडर होसैन सलामी ने भी बदला लेने की बात की है। वहीं, इजरायल के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान ने हमला किया, तो उसे कड़ा जवाब दिया जाएगा। ऐसे में पश्चिम एशिया में एक बड़े युद्ध के आसार नजर आ रहे हैं, जिससे क्षेत्र में स्थिति और भी तनावपूर्ण हो सकती है। इस घटनाक्रम पर नज़र रखने वाली अंतरराष्ट्रीय बिरादरी अब ईरान और इजरायल के बीच संभावित सैन्य संघर्ष की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।