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यूक्रेन युद्ध में भेड़-बकरियों की तरह मर रही किम जोंग उन की 'जॉम्बी ऑर्मी', दुश्मनों को भी आ रहा तरस

Edited By Tanuja,Updated: 02 Feb, 2025 06:46 PM

kim jong un s zombie army  ukrainians admit they re crack shots

यूक्रेन युद्ध में रूस के साथ लड़ने के लिए भेजे गए उत्तर कोरियाई सैनिकों की स्थिति चिंताजनक बनकर उभर रही है। यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, उत्तर कोरियाई सैनिक अब लड़ाई के मैदान में इतने असहाय हो...

International Desk: यूक्रेन युद्ध में रूस के साथ लड़ने के लिए भेजे गए उत्तर कोरियाई सैनिकों की स्थिति चिंताजनक बनकर उभर रही है। यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, उत्तर कोरियाई सैनिक अब लड़ाई के मैदान में इतने असहाय हो गए हैं कि उन्हें देखकर यूक्रेनी अधिकारी भी दंग रह जाते हैं। रिपोर्टों में बताया गया है कि इन सैनिकों को मानो भेड़-बकरियों की तरह मरने के लिए भेज दिया गया है, और उनकी ट्रेनिंग व युद्ध क्षमता में काफी कमी है।  यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन ने लगभग 11,000 सैनिक भेजे हैं। इन सैनिकों में से अब तक 4,000 से अधिक को हताहत बताया गया है, जिसमें 1,000 से ज्यादा की मौत हो चुकी है और 3,000 से अधिक घायल होकर अपंग बन गए हैं।

 

यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि इन सैनिकों को उन रूसी अधिकारियों के आदेश मानने पड़ते हैं जिनकी भाषा वे समझते ही नहीं हैं, जिससे उनकी कार्यकुशलता पर गंभीर प्रश्न उठते हैं। यूक्रेनी सेना द्वारा जारी किए गए सर्विलांस ड्रोन के फुटेज से यह स्पष्ट होता है कि उत्तर कोरियाई सैनिक अत्यधिक असहाय स्थिति में हैं। वीडियो में एक युवा सैनिक को देखा गया है जो एक खाई में दबा हुआ नजर आता है, जबकि उसके ऊपर एक ड्रोन मंडरा रहा होता है। सैनिक अपने राइफल को फिर से चालू करने की कोशिश करता है, लेकिन सामने आ रहे ड्रोन से भयभीत होकर हार मान लेता है। ड्रोन से होने वाले विस्फोट के कारण उसके जीवन की समाप्ति हो जाती है। यूक्रेनी अधिकारियों का मानना है कि ये सैनिक, जिन्हें आधुनिक युद्ध के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया, मरने के लिए भेजे जा रहे हैं।
 

यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि इन सैनिकों को रूसी अधिकारियों के आदेश मानने के लिए मजबूर किया जाता है, जिनकी भाषा वे समझते नहीं हैं। यह स्थिति उन्हें और अधिक असहाय बनाती है। यूक्रेनी अधिकारी का कहना है कि सैनिकों के पास अपनी स्थिति सुधारने के लिए कोई विकल्प नहीं है, और उन्हें युद्ध के मैदान में बिना किसी उचित प्रशिक्षण के ही भेज दिया जाता है। इससे उनकी जान गंवाने की दर बढ़ जाती है। रूस की ओर से भेजे गए ये उत्तर कोरियाई सैनिक, जो लगभग 12 लाख वर्दीधारी युवाओं में से चुने गए हैं, युद्ध के लिए विशेष रूप से तैयार नहीं किए गए हैं।

 

कोरियाई युद्ध, जो 1953 में समाप्त हुआ था, के बाद से उत्तर कोरिया के सैनिकों को बड़े पैमाने पर आधुनिक युद्ध में शामिल नहीं किया गया है। वर्तमान स्थिति में, सैनिकों में युद्ध कौशल की कमी, आत्मघाती प्रवृत्ति और आदेशों की भाषा की बाधा उन्हें गंभीर जोखिम में डाल रही है। यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा है कि उत्तर कोरियाई सैनिकों की स्थिति इतनी दयनीय है कि उन्हें देखकर यह सवाल उठता है कि क्या उन्हें युद्ध के लिए भेजा जाना उचित है। एक अधिकारी ने बताया, "इन सैनिकों को देखकर ऐसा लगता है कि वे अपने जीवन की कीमत पर युद्ध में भाग लेने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी ट्रेनिंग और मानसिक स्थिति इतने कमजोर हैं कि उन्हें मरने के लिए ही भेजा गया है।" 

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