ब्रिटेन में पहली बार कीर्तन को 'सिख पवित्र संगीत' के रूप में मिली मान्यता

Edited By Parminder Kaur,Updated: 20 Sep, 2024 10:45 AM

kirtan is recognised as  sikh sacred music  in britain

ब्रिटेन में पहली बार कीर्तन को संगीत शिक्षा की ग्रेड प्रणाली में शामिल किया गया है। इसका मतलब है कि छात्र शुक्रवार से 'सिख पवित्र संगीत' से जुड़े पाठ्यक्रम का औपचारिक अध्ययन कर सकेंगे। बर्मिंघम के संगीतकार और शिक्षाविद् हरजिंदर लाली ने पश्चिमी...

इंटरनेशनल डेस्क. ब्रिटेन में पहली बार कीर्तन को संगीत शिक्षा की ग्रेड प्रणाली में शामिल किया गया है। इसका मतलब है कि छात्र शुक्रवार से 'सिख पवित्र संगीत' से जुड़े पाठ्यक्रम का औपचारिक अध्ययन कर सकेंगे। बर्मिंघम के संगीतकार और शिक्षाविद् हरजिंदर लाली ने पश्चिमी शास्त्रीय संगीत के समान कीर्तन को महत्व दिलाने के लिए वर्षों तक मेहनत की है, ताकि यह पारंपरिक संगीत विधा भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित रहे।

सिख धर्म में कीर्तन को 'गुरु ग्रंथ साहिब' में मौजूद 'शब्दों'' का गायन माना जाता है, और यह भक्ति भाव प्रकट करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। लंदन स्थित संगीत शिक्षक बोर्ड (MTB) अब वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त आठ-ग्रेड संगीत परीक्षाओं के तहत 'सिख पवित्र संगीत' पाठ्यक्रम प्रदान करेगा।

गुरमत संगीत अकादमी के शिक्षक डॉ. लाली ने कहा- "हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हम अपनी विरासत को आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखें। इस पाठ्यक्रम को स्वीकृत और शुरू करने में 10 साल की मेहनत लगी है। मुझे गर्व है कि अब हमारी मेहनत रंग लाई है।"

उन्होंने कहा कि पश्चिमी श्रोताओं को अब यह समझ में आ रहा है कि सिख कीर्तन वायलिन, पियानो या अन्य पश्चिमी समकालीन संगीत शैलियों से कम नहीं है। इस सिख पवित्र संगीत पाठ्यक्रम में पांच भारतीय वाद्ययंत्रों - दिलरुबा, ताऊस, इसराज, सारंगी और सारंडा को मान्यता दी गई है।

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