Edited By Tanuja,Updated: 30 Sep, 2024 01:08 PM
पाकिस्तान (Pakistan) में एक और राजनीतिक संकट उभर रहा है, जहां खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) के मुख्यमंत्री और पीटीआई नेता
Islamabad: पाकिस्तान (Pakistan) में एक और राजनीतिक संकट उभर रहा है, जहां खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) के मुख्यमंत्री और पीटीआई नेता अली अमीन गंडापुर ( Ali Amin Gandapur) ने सरकार और सेना के खिलाफ बगावत की घोषणा कर दी है। इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता गंडापुर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अब इंकलाब ही एकमात्र रास्ता बचा है। गंडापुर का यह ऐलान तब आया जब रावलपिंडी में पुलिस और पीटीआई कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई। इस घटना में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के जवाब में गंडापुर ने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया, "अगर कोई गोली चलाएगा तो हम दस गोलियां चलाएंगे।" उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, "अब कोई दूसरा विकल्प नहीं है, अब केवल इंकलाब ही होगा।"
शनिवार को इमरान खान के आह्वान पर PTI समर्थकों ने रावलपिंडी में विरोध प्रदर्शन किया, जो जल्द ही हिंसक रूप ले गया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें पीटीआई कार्यकर्ताओं पर गोलियां और गोले दागे गए। गंडापुर ने दावा किया कि उनके तीन कार्यकर्ताओं को गोलियां लगीं, जबकि 50 से अधिक घायल हो गए। गंडापुर को पेशावर से रैली में शामिल होने जाना था, लेकिन पुलिस ने उनके रास्ते को कंटेनर से ब्लॉक कर दिया। इसके बाद, गंडापुर ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है और उन्होंने अपनी निजता के हनन का भी आरोप लगाया।
गंडापुर ने अपने बयान में आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस ने हर तीन किलोमीटर पर पीटीआई कार्यकर्ताओं पर गोले और गोलियां चलाईं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने से रोका गया और उन्हें हिंसक तरीके से दबाने का प्रयास किया गया। रावलपिंडी में प्रदर्शन के बाद स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है। अली अमीन गंडापुर के इस विद्रोह के ऐलान से पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ सकती है, खासकर जब बलूचिस्तान में पहले से ही विद्रोह का माहौल है।