Edited By Harman Kaur,Updated: 27 Sep, 2024 05:16 PM
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने ‘भारत को बाहर करने' (इंडिया आउट) के किसी भी एजेंडे से इनकार करते हुए कहा कि उनके राष्ट्र में विदेशी सेना की उपस्थिति द्वीपीय देश के लिए एक ‘गंभीर समस्या' थी।
इंटरनेशनल डेस्क: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने ‘भारत को बाहर करने' (इंडिया आउट) के किसी भी एजेंडे से इनकार करते हुए कहा कि उनके राष्ट्र में विदेशी सेना की उपस्थिति द्वीपीय देश के लिए एक ‘गंभीर समस्या' थी।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में शामिल होने के लिए अमेरिका पहुंचे मुइज्जू ने बृहस्पतिवार को प्रिंसटन विश्वविद्यालय के कार्यक्रम ‘डीन्स लीडरशिप सीरीज' में एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की। मालदीव के समाचार पोर्टल ‘अधाधू डॉट कॉम' ने उनके हवाले से कहा, ‘‘ हम किसी भी समय, किसी भी देश के खिलाफ कभी नहीं रहे। यह भारत को बाहर करना (इंडिया आउट) नहीं है। मालदीव के लोगों को अपने देश में विदेशी सेना की उपस्थिति से एक गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा था।''
'मालदीव के लोग नहीं चाहते कि एक भी विदेशी सैनिक देश में रहे'
मुइज्जू ने कहा, ‘‘मालदीव के लोग नहीं चाहते कि एक भी विदेशी सैनिक देश में रहे।'' भारत और मालदीव के बीच संबंध पिछले साल नवंबर से ही तनावपूर्ण हो गए थे, जब चीन के प्रति झुकाव रखने वाले मुइज्जू ने मालदीव के राष्ट्रपति का पदभार संभाला था। मुइज्जू ने भारत से कहा था कि वह देश द्वारा उपहार में दिए गए तीन विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन कर रहे लगभग 90 भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुला ले। भारत ने 10 मई तक अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुला लिया और उनकी जगह डोर्नियर विमान और दो हेलीकॉप्टरों के संचालन के लिए असैन्य कर्मियों को तैनात कर दिया।
मालदीव के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करने के लिए उप मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। खबर में उनके हवाले से कहा गया है, ‘‘किसी को भी ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। मैंने इसके खिलाफ कार्रवाई की है। मैं किसी का भी इस तरह अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा, चाहे वह नेता हो या कोई आम व्यक्ति। हर इंसान की अपनी प्रतिष्ठा होती है।'' इस साल की शुरुआत में मालदीव के युवा मंत्रालय के उप मंत्रियों को सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट करने की वजह से निलंबित कर दिया गया था। नई दिल्ली ने माले के समक्ष इस मामले को जोरदार ढंग से उठाया था।
PM मोदी की लक्षद्वीप की यात्रा के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर उनके पोस्ट को लेकर मालदीव के उप मंत्रियों ने भारतीय प्रधानमंत्री की आलोचना की थी। उनकी राय में, यह केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप को मालदीव के वैकल्पिक पर्यटन स्थल के रूप में पेश करने का एक प्रयास था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए दो और तीन जनवरी को लक्षद्वीप में थे।