Edited By Tanuja,Updated: 21 Mar, 2024 11:51 AM
एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक के ब्रेन चिप प्रोजेक्ट को बड़ी सफलता मिलने के बाद इस प्रोजेक्ट सेफ माना जा रहा है। न्यूरालिंक ने अपनी सफलता को...
न्यूयार्कः एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक के ब्रेन चिप प्रोजेक्ट को बड़ी सफलता मिलने के बाद इस प्रोजेक्ट सेफ माना जा रहा है। न्यूरालिंक ने अपनी सफलता को दर्शाता एक वीडियो शेयर किया है जिसमें एक शख्स सिर्फ सोचकर वीडियो गेम खेल रहा है और उसे कंट्रोल कर रहा है। जो शख्स गेम खेल रहा है उसके दिमाग में न्यूरालिंक का चिप लगाया गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि शख्स सोचकर वीडियो गेम और ऑनलाइन शतरंज खेल रहा है। शख्स का कहना है कि न्यूरालिंक के चिप ने उसकी जिंदगी बदल दी है। वीडियो में दिख रहा शख्स नोलैंड आर्बांघ का रहने वाला है।
वह सोचकर कंप्यूटर पर शतरंज और गेम सिविलाइजेशन VI खेल रहा है। शख्स की सोच को डिकोड किया गया जिसका मतलब था, "मैंने वह गेम खेलना छोड़ दिया था।" आर्बांघ की उम्र 29 साल है और एक एक्सिडेंट में उसे स्पाइनल कॉर्ड की इंजरी हुई थी जिसके बाद वह 8 साल से बिस्तर पर है। न्यूरालिंक का दावा है कि वह सिर्फ ब्रेन चिप कंपनी नहीं है, बल्कि सोच से कर्सर कंट्रोल करने की डिवाइस बनाने वाली कंपनी भी है।
मस्क का ब्रेन टेक्नोलॉजी स्टार्टअप न्यूरालिंक का मकसद उन मरीजों को काबिल बनाना है जो पूरी तरह से कुछ भी करने में अक्षम हैं। न्यूरालिंक के चिप की मदद से इंसान सिर्फ सोचकर कई सारे काम कर सकेगा है और उसकी सोच को कंप्यूटर पर देखा जा सकता है। मस्क ने कहा है कि कंपनी उन मरीजों के साथ काम शुरू करेगी, जिनमें सर्वाइकल स्पाइनल कॉर्ड इम्पेयरमेंट या क्वाड्रिप्लेजिया जैसी गंभीर शारीरिक दिक्कतें हैं।