हिंसक हुआ इमरान समर्थकों का मार्च, 6 सुरक्षाकर्मियों की मौत और 100 से ज्यादा घायल

Edited By Pardeep,Updated: 27 Nov, 2024 06:29 AM

march of imran supporters turned violent 6 security personnel killed

जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों की मंगलवार को पुलिस से हुई झड़पों में छह सुरक्षाकर्मी मारे गये और कई अन्य घायल हो गये। खान को जेल से रिहा किये जाने की मांग को लेकर उनके समर्थक राजधानी इस्लामाबाद पहुंच गये।

इस्लामाबादः जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों की मंगलवार को पुलिस से हुई झड़पों में छह सुरक्षाकर्मी मारे गये और कई अन्य घायल हो गये। खान को जेल से रिहा किये जाने की मांग को लेकर उनके समर्थक राजधानी इस्लामाबाद पहुंच गये। टीवी चैनलों की फुटेज में खान के समर्थक डी-चौक की ओर जाने वाली सड़कों पर रखे शिपिंग कंटेनरों पर चढ़ते हुए दिखाई दिए। डी-चौक कई महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और उच्चतम न्यायालय के करीब स्थित है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के शीर्ष नेताओं ने हालांकि खान की रिहाई तक इस्लामाबाद में रहने की प्रतिबद्धता जताई है। 

खान की पत्नी बुशरा बीबी ने पार्टी समर्थकों से कहा, ‘‘वादा करो कि जब तक खान हमारे साथ नहीं आ जाते, तब तक आप लोग डी-चौक नहीं छोड़ोगे।'' पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (72) पिछले वर्ष अगस्त से जेल में हैं। उन्होंने 13 नवंबर को 24 नवंबर को देशव्यापी प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। उन्होंने कथित तौर पर चोरी किये गये जनादेश, लोगों की गिरफ्तारी और 26वें संशोधन के पारित होने की निंदा की थी। इस बीच, इस्लामाबाद के पुलिस प्रमुख अली नासिर रिजवी ने उपद्रवियों को इस्लामाबाद से बाहर निकालने का वादा करते हुए कहा कि वह ‘पीटीआई' के समर्थकों को राजधानी में रैलियां या धरना देने से रोकने के इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश का कार्यान्वयन सुनिश्चित करेंगे। 

उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी उपद्रवी के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जानी चाहिए।'' उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसी कानून के अनुरूप कार्रवाई करेगी। प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे जाने की खबरों के बीच, पार्टी अध्यक्ष गौहर अली खान ने संघीय सरकार से ‘‘निर्दोष लोगों पर गोली नहीं चलाने'' का आह्वान किया है। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी संघर्ष में शांतिपूर्ण बने रहने का आग्रह किया। सरकारी मीडिया ने मंगलवार को बताया कि प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के कारण अर्धसैनिक बल के चार जवान और पुलिस के दो कर्मी मारे गए तथा 100 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। 

इस हिंसा के बाद संघीय सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में सेना तैनात करने के साथ ही उन्हें आदेश दिए गए हैं कि उपद्रवियों को देखते ही गोली मार दी जाए। सूचना मंत्री तरार ने खान की पार्टी पर विदेशी तत्वों की मदद से विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का आरोप लगाया और दावा किया कि प्रदर्शन में शामिल होने के लिए अफगान नागरिकों को भर्ती किया गया था। उन्होंने विशेष रूप से विदेशी भागीदारी के उदाहरण के रूप में गिरफ्तार 16 वर्षीय अफगान लड़के का उदाहरण दिया। आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी के बार-बार यह कहने के बावजूद कि किसी को भी डी-चौक तक पहुंचने की अनुमति नहीं दी जाएगी, वे अपने घोषित गंतव्य तक पहुंच गए। 

नकवी ने यह भी कहा कि सरकार ने ‘पीटीआई' नेताओं को हर तरह से मनाने की कोशिश की, लेकिन वे संघीय राजधानी की ओर बढ़ गए। उन्होंने यह भी कहा कि ‘पीटीआई' के सभी समर्थक खैबर पख्तूनख्वा से आए थे। ‘रेडियो पाकिस्तान' ने बताया कि सोमवार देर रात इस्लामाबाद में श्रीनगर राजमार्ग पर एक वाहन द्वारा टक्कर मारे जाने से पाकिस्तान ‘रेंजर्स' के चार अधिकारियों की मौत हो गई और उनके पांच अन्य कर्मियों एवं पुलिस के कई अधिकारियों को भी गंभीर चोटें आईं हैं। 

रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, इस स्थान से लगभग पांच किलोमीटर दूर हथियारों और गोला-बारूद से पूरी तरह लैस कुछ बदमाशों ने ‘रेंजर्स' के जवानों पर पथराव किया और रावलपिंडी स्थित चुंगी नंबर- 26 में सुरक्षाकर्मियों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इसमें यह भी बताया गया है कि पुलिस के दो कर्मी मारे गए। पंजाब पुलिस के अनुसार, सोमवार को ‘पीटीआई' के प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प के दौरान इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में हकला इंटरचेंज पर पुलिस के एक कर्मी की मौत हो गई। आंतरिक मंत्री नकवी ने देर रात मीडिया से बातचीत में कहा कि सौ से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, उनमें से अधिकतर पुलिसकर्मी थे। 

उन्होंने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव किए जाने के कारण पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए और उनके सिर में चोट आई।'' विरोध मार्च के दौरान पुलिस अधिकारी की मौत के सिलसिले में कथित भूमिका को लेकर खान और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ मंगलवार को आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। प्रदर्शनकारियों द्वारा रेंजर्स और पुलिसकर्मियों पर हमले की कड़ी निंदा करते हुए, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बयान में घटना में शामिल लोगों को चिन्हित करने और उन्हें न्याय दिलाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, ‘‘तथाकथित शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की आड़ में पुलिस और रेंजर्स पर हमले निंदनीय हैं।'' 

उन्होंने कहा, ‘‘अराजकतावादी समूह खून-खराबा चाहता है और पाकिस्तान किसी भी तरह की अराजकता या खून-खराबे को बर्दाश्त नहीं कर सकता। नापाक राजनीतिक एजेंडे के लिए खून-खराबा अस्वीकार्य और निंदनीय है।'' इस बीच, खान की पार्टी ने अधिकारियों पर हिंसा का सहारा लेने का आरोप लगाया है जिसमें उनके कई समर्थक घायल हो गए हैं। पार्टी के एक प्रवक्ता ने ‘बीबीसी उर्दू' को बताया कि दो समर्थक भी मारे गए हैं लेकिन अभी तक अन्य स्रोतों से इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इस्लामाबाद और रावलपिंडी में कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए मंगलवार को सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। वर्ष 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए खान की सरकार को हटाये जाने के बाद से वह कई मामलों में फंसे हुए हैं। खान रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। 

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