Edited By Parveen Kumar,Updated: 14 Mar, 2025 09:47 PM

कनाडा के नए प्रधानमंत्री के रूप में मार्क कार्नी ने शपथ ग्रहण कर देश की बागडोर संभाल ली है। बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर कार्नी के नेतृत्व में यह एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है, खासकर अमेरिका के साथ बिगड़ते रिश्तों के बीच।
इंटरनेशनल डेस्क : कनाडा के नए प्रधानमंत्री के रूप में मार्क कार्नी ने शपथ ग्रहण कर देश की बागडोर संभाल ली है। बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर कार्नी के नेतृत्व में यह एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है, खासकर अमेरिका के साथ बिगड़ते रिश्तों के बीच।
शपथ ग्रहण समारोह और पहली चुनौतियां
59 वर्षीय कार्नी ने अंग्रेजी और फ्रेंच दोनों भाषाओं में शपथ ली और राजा चार्ल्स III के प्रति निष्ठा की कसम खाई। उनके शपथ ग्रहण समारोह में गवर्नर जनरल मैरी साइमन भी मौजूद रहीं। कार्नी के पास कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है, लेकिन उनकी अर्थशास्त्र और वित्तीय मामलों की मजबूत पकड़ को देखते हुए उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।
उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अमेरिका-कनाडा के तनावपूर्ण संबंधों को सुधारना होगी, जो हाल ही में और खराब हुए हैं।
मंत्रिमंडल में बदलाव
कार्नी ने अपने मंत्रिमंडल में बदलाव करने का फैसला किया है। वित्त मंत्री डोमिनिक लेब्लांक को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग में भेजा जाएगा, जबकि नवाचार मंत्री फ्रेंकोइस-फिलिप शैम्पेन अब नए वित्त मंत्री होंगे। इस बदलाव का मकसद कनाडा के यूरोपीय गठबंधनों को मजबूत करना है।
कैसे बने प्रधानमंत्री?
मार्क कार्नी ने लिबरल पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में जीत हासिल की और जस्टिन ट्रूडो की जगह ली, जो नौ साल से अधिक समय तक प्रधानमंत्री रहे। कार्नी का आर्थिक संकट प्रबंधन का अनुभव उनकी इस जीत का एक बड़ा कारण माना जा रहा है।
आगे की योजना
अपने पद संभालते ही कार्नी ने यूरोप के प्रमुख नेताओं से मुलाकात की योजना बनाई है। वे जल्द ही लंदन और पेरिस की यात्रा पर जाएंगे, जिससे कनाडा के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत किया जा सके।