Edited By Tanuja,Updated: 08 Dec, 2019 01:33 PM
![monkey pig hybrids created by chinese scientists](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2019_12image_13_27_206447922monkey-pig1-ll.jpg)
विभिन्न अविष्कारों के मामले में चीन कई विकसित देशोंको पीछे छोड़ता जा रहा है। पहले नकली सूरज बनाने वाले चीन ने...
बीजिंगः विभिन्न अविष्कारों के मामले में चीन कई विकसित देशोंको पीछे छोड़ता जा रहा है। पहले नकली सूरज बनाने वाले चीन ने अब नयाकारनामा कर दिखाया है। चीन के वैज्ञानिकों ने इस बार फिर अपनी वैज्ञानिक तकनीक से दुनिया भर के लोगों को हैरान कर दिया है। इस बार चीनी वैज्ञानिकों ने बंदर और सूअर के जीन से एक नई प्रजाति का जानवर पैदा किया है। इसे 'बंदर-सूअर प्रजाति' का नाम दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सूअर के दो बच्चों के दिल, जिगर और त्वचा में बंदर के 'टिश्यू' मौजूद हैं। सूअर के ये दोनों बच्चे स्टेट सेल और प्रजनन जीव विज्ञान की स्टेट प्रयोगशाला में पैदा हुए थे, लेकिन एक हफ्ते के भीतर ही दोनों की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीजिंग की स्टेट सेल की प्रमुख प्रयोगशाला और प्रजनन जीव विज्ञान के वैज्ञानिकों की मानें तो यह पूरी तरह से बंदर-सूअर की पहली रिपोर्ट है। वैज्ञानिकों ने बताया कि पांच दिनों के पिगलेट भ्रूण में बंदर की स्टेम कोशिकाएं थीं। इस तरह के शोध से पता चला है कि कोशिकाएं कहां समाप्त हुई हैं।
![PunjabKesari](https://static.punjabkesari.in/multimedia/13_31_136136988monkey-pig.jpg)
हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि दोनों बंदर-सुअर की मौत क्यों हुई। वैज्ञानिकों के मुताबिक इनकी मौत आईवीएफ प्रक्रिया में किसी तरह की समस्या की चलते हुई होगी।. बता दें कि यह प्रयोग स्पैनिश वैज्ञानिक युआन कार्लोस इजिपिसुआ बेलमोंटे के दो साल पहले किए गए प्रयास को देखते हुए किया गया। द न्यू साइंटिस्ट पत्रिका की रिपोर्ट में बताया गया कि तांग हाई और और उनकी टीम ने जुआन कार्लोस की सोच को ही आगे बढ़ाया और आनुवंशिक रूप से संशोधित बंदर कोशिकाओं को 4,000 से अधिक सूअर भ्रूणों के अंदर डाला गया।
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इसके बाद पैदा हुए सूअर के बच्चों में से केचल दो हाइब्रिड थे। इनके दिल, जिगर, फेफड़े और त्वचा के ऊतक आंशिक रूप से बंदर कोशिकाओं से मिलकर बने थे। गौरतलब है कि जनवरी 2017 में सैन डिएगो के सल्क इंस्टीट्यूट में भी एक मानव-सूअर भ्रूण बनाया गया था, लेकिन 28 दिन बाद उसकी मौत हो गई थी।