Namibia सरकार का कड़ा फैसलाः 300 जेब्रा व 70 हाथियों समेत 700 जानवरों को मार जनता को बांटा जाएगा मांस व बोटियां

Edited By Tanuja,Updated: 02 Sep, 2024 11:53 AM

namibia plans to kill elephants for meat amid crippling drought report

दुनिया में एक देश ऐसा है जो आज भीषण सूखे से जूझ रहा है। यह सूखा, जो पिछले 100 वर्षों में सबसे भयावह बताया जा रहा है, अल नीनो...

International Desk:  दुनिया में एक देश ऐसा है जो आज भीषण सूखे से जूझ रहा है। यह सूखा, जो पिछले 100 वर्षों में सबसे भयावह बताया जा रहा है, अल नीनो जलवायु पैटर्न और मानव-जनित जलवायु परिवर्तन का परिणाम है।   दक्षिणी अफ्रीकी देश नामीबिया ( Namibia)  में बारिश की कमी और अत्यधिक गर्मी ने  देश की कृषि व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। सूखे के कारण फसलों के नष्ट होने और पानी के संसाधनों के सूख जाने से लाखों लोगों के लिए भोजन और पानी की भारी कमी हो गई है।  नामीबियाई सरकार ने सूखे से प्रभावित नागरिकों की जान बचाने के लिए एक कठोर कदम उठाया है। इस योजना के तहत, 700 से अधिक जंगली जानवरों को मारने का निर्णय लिया गया है, जिनमें 70 हाथी, 300 ज़ेब्रा, 30 दरियाई घोड़े, 60 भैंस, 100 ब्लू वाइल्डबीस्ट, और 100 एलैंड शामिल हैं।

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इन जानवरों का मांस स्थानीय समुदायों में बांटा जाएगा, जिससे उन्हें भुखमरी से बचाया जा सके।  इस निर्णय के पीछे सबसे बड़ा कारण खाद्य संकट है, जो सूखे के कारण उत्पन्न हुआ है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के अनुसार, दक्षिणी अफ्रीका के अधिकांश हिस्से में 30 मिलियन से अधिक लोग इस सूखे से प्रभावित हैं। नामीबिया में, 84% खाद्य संसाधन पहले ही समाप्त हो चुके हैं, और सरकार के पास नागरिकों को खिलाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है। इस स्थिति में, सरकार ने जंगली जानवरों को मारकर उनके मांस को वितरित करने का निर्णय लिया है। इस कदम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरणविदों और पशु अधिकार संगठनों के बीच बहस छेड़ दी है। एक तरफ, यह माना जा रहा है कि यह कदम लोगों की जान बचाने के लिए आवश्यक है, वहीं दूसरी तरफ, यह चिंता जताई जा रही है कि यह जंगली जीवन के संरक्षण के प्रयासों के खिलाफ है।

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नामीबिया की स्थिति
नामीबिया एक अर्ध-रेगिस्तानी देश है, जहां पानी की कमी और चरम मौसम की स्थिति सामान्य है। लेकिन हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन के कारण सूखे की तीव्रता और आवृत्ति में वृद्धि हुई है। इस देश की अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है, लेकिन सूखे के कारण फसल उत्पादन में भारी गिरावट आई है।सरकार के इस निर्णय से पता चलता है कि स्थिति कितनी गंभीर हो गई है। सरकार ने बताया कि यह जानवर राष्ट्रीय उद्यानों और सामुदायिक क्षेत्रों से लिए जा रहे हैं, जहां उनकी संख्या पर्याप्त है। शिकार के लिए पेशेवर शिकारियों को नियुक्त किया गया है, और कुछ कंपनियों को ठेका दिया गया है। अब तक 157 जानवरों का शिकार हो चुका है, जिससे 56,800 किलो से अधिक मांस प्राप्त हुआ है। 

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