Edited By Tanuja,Updated: 05 Jun, 2024 12:20 PM
रूस के साथ संभावित संघर्ष के लिए नाटो 'भूमि गलियारे' विकसित करके तैयारी कर रहा है, ताकि 300,000 अमेरिकी सैनिकों को यूरोपीय मोर्चे...
इंटरनेशनल डेस्कः रूस के साथ संभावित संघर्ष के लिए नाटो 'भूमि गलियारे' विकसित करके तैयारी कर रहा है, ताकि 300,000 अमेरिकी सैनिकों को यूरोपीय मोर्चे पर जल्दी से तैनात किया जा सके। लेफ्टिनेंट जनरल अलेक्जेंडर सोलफ्रैंक ये सैनिक रॉटरडैम सहित प्रमुख बंदरगाहों पर उतरेंगे, और किसी भी संभावित रूसी हमले का मुकाबला करने के लिए पूर्व-नियोजित मार्गों के माध्यम से पूर्व की ओर बढ़ेंगे।
लेफ्टिनेंट जनरल अलेक्जेंडर सोलफ्रैंक ने कहा कि " जैसा कि हम उन्हें जानते हैं, अफगानिस्तान और इराक में विशाल रसद अड्डे अब संभव नहीं हैं क्योंकि संघर्ष की स्थिति में उन पर बहुत पहले ही हमला किया जाएगा और उन्हें नष्ट कर दिया जाएगा।" ये गलियारे नीदरलैंड, इटली, ग्रीस, तुर्की और नॉर्वे के बंदरगाहों के साथ-साथ जर्मनी-पोलैंड रेलवे का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि रूसी हमले की बढ़ती चेतावनियों के साथ, यह रणनीतिक कदम किसी भी खतरे में पड़े नाटो क्षेत्र की रक्षा के लिए तेजी से सैन्य सुदृढ़ीकरण सुनिश्चित करता है। इससे पहले नाटो देशों ब्रिटेन, कनाडा, लातविया, लिथुआनिया, द नीदरलैंड्स, पोलैंड, फिनलैंड, फ्रांस, चेक गणराज्य, स्वीडन और इस्तोनिया ने मिलकर यूक्रेन को रूस के टारगेट्स पर स्ट्राइक करने को कहा था । ये सभी देश मिलकर यूक्रेन को सपोर्ट कर रहे हैं और हथियार दे रहे हैं।
जबकि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी पहले ही डराने वालादावा कर चुकी है। रूस की मुख्य इंटेलिजेंस एजेंसी ने यह पुख्ता किया है कि NATO देश रूस के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं। रूसी जासूसी एजेंसी पहले ही दावा क चुकी है कि इस हमले से पहले नाटो देश पहले साइबरअटैक करेंगे। उसके बाद सर्जिकल स्ट्राइक करके रूसी नेताओं को मार सकते हैं। इसके बाद पूरी तरह से रूस के खिलाफ जंग छेड़ेंगे. रूस का दावा है कि नाटो इसके लिए सालों से तैयारी कर रहा है।