नेपाल में भी कमल खिलाने की तैयारी, 'नेपाल जनता पार्टी' ने निकाय चुनाव में गाडे़ सफलता के झंडे, अन्य पार्टियों के लिए कैसे बनी खतरा?

Edited By Yaspal,Updated: 17 Aug, 2023 08:08 PM

nepal janata party raised the flag of success in civic elections

भारतीय जनता पार्टी की तर्ज पर नेपाल में नई पार्टी का गठन हुआ है। जिसका नाम है नेपाल जनता पार्टी। इस पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘कमल’ है और हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर आगे चल रही है

इंटरनेशनल डेस्कः भारतीय जनता पार्टी की तर्ज पर नेपाल में नई पार्टी का गठन हुआ है। जिसका नाम है नेपाल जनता पार्टी। इस पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘कमल’ है और हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर आगे चल रही है। नेपाल जनता पार्टी (NJP) ने ‘नये लोग, नई सोच’ का नारा दिया है। NJP ने गठन होने के साथ ही चुनाव में सफलता के झंडे गाड़ना भी शुरू कर दिए हैं। हाल ही में हुए नगर निकाय के चुनाव में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 17 सीटों पर जीत दर्ज की है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि एनजेपी वोट बैंक के लिए धार्मिक अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण के खिलाफ है। पार्टी का लक्ष्य अगला नेपाल चुनाव जीतना है। पार्टी ने पहले ही काठमांडू में अपना पार्टी कार्यालय खोल लिया है। एनजेपी का गठन 2008 में हुआ था।
 

40 हजार से अधिक पार्टी के कार्यकर्ता
नई दिल्ली के दौरे पर आए एनजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष खेमनाथ आचार्य का दावा है कि 81 प्रतिशत से ज्यादा हिंदू आबादी वाले नेपाल के अगले आम चुनाव के लिए पार्टी की बड़ी तैयारी है। 275 सीटों वाली नेपाली संसद में आधे से अधिक सीटों पर फोकस करके काम किया जा रहा है। महीने भर पहले काठमांडू में पार्टी का केंद्रीय कार्यालय खोला गया है। वहीं, बिहार से सटे भैरवा में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सदस्यता अभियान को तेज किया गया है और ढाई महीने में पार्टी ने 40 हजार से अधिक नए लोगों को जोड़ा गया है। खेमनाथ की पृष्ठभूमि आरएसएस से जुड़ी है। भारत में सक्रिय रह चुके हैं।

लोगों में एनजेपी को लेकर जगी उम्मीद
कहते हैं कि अयोध्या में राममंदिर आंदोलन एवं भगवान राम की मूर्ति बनाने के लिए गंडकी नदी से पत्थर लाने के बाद से नेपाल में उनके प्रति आम जन का समर्थन बढ़ने लगा है। इसमें नेपाल की स्थानीय भाषाएं भी सहायक हो रही हैं। वहां सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा नेपाली है, जो हिंदी से मिलती-जुलती है। उसकी लिपि हिंदी वाली देवनागरी है। यहां के 44 प्रतिशत लोगों की भाषा नेपाली है। दूसरे नंबर पर बिहार के एक बड़े भाग में प्रचलित भाषा मैथिली बोली जाती है, जिसे बोलने वाले 11.05 प्रतिशत लोग हैं। बिहार-यूपी की भाषा भोजपुरी का भी नेपाल में तीसरा स्थान है। इसे 6.24 प्रतिशत लोग बोलते हैं। उत्तर बिहार की जनजातीय थारू चौथे स्थान पर है। भाषाई अनुकूलता को देखते हुए एनजेपी ने भारत से सटे इलाकों में प्रारंभिक प्रयास बढ़ाया है।

हिंदू आबादी से मिल रहा हौसला
सितंबर 2015 में  नेपाल की प्रतिनिधि सभा ने अपना नया संविधान बनाया था और हिंदू राष्ट्र के खत्म होने एवं धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनने की विधिवत घोषणा की थी, किंतु हिंदुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए एनजेपी भविष्य की तलाश में जुटी है। वर्ष 2021 की जनगणना के अनुसार नेपाल की 81.19 प्रतिशत आबादी हिंदू है। बौद्ध दूसरे नंबर पर 8.2 प्रतिशत हैं। इस्लाम 5.09 प्रतिशत के साथ तीसरा बड़ा धर्म है।

भाजपा का गठन कब हुआ
भारत में भारतीय जनता पार्टी का गठन 6 अप्रैल 1980 को हुआ था। बीजेपी भी हिदुत्व की विचारधारा को लेकर आगे बढ़ी। भाजपा आज के समय में दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है, जिसके दुनिभार में 16 करोड़ से अधिक कार्यकर्ता हैं। इसके बाद चीन की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी दूसरे नंबर पर है। एक समय भाजपा के केवल 2 सांसद हुआ करते थे। आज 14 से अधिक राज्य में भाजपा और भाजपा गठबंधन की सरकारें हैं और केंद्र में भी BJP की सरकार है।

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