Edited By Tanuja,Updated: 06 Nov, 2024 06:13 PM
नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने भारत के साथ बिजली के निर्यात के लिए हस्ताक्षरित समझौते को रद्द करने की मांग वाली एक रिट याचिका को खारिज कर दिया है। उच्चतम न्यायालय के मंगलवार को दिए गए फैसले के ...
Kathmandu: नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने भारत के साथ बिजली के निर्यात के लिए हस्ताक्षरित समझौते को रद्द करने की मांग वाली एक रिट याचिका को खारिज कर दिया है। उच्चतम न्यायालय के मंगलवार को दिए गए फैसले के बाद नयी दिल्ली के साथ नेपाल के दीर्घकालिक बिजली व्यापार का रास्ता साफ हो गया है। प्राधिकार के दुरुपयोग की जांच के लिए आयोग (CIAA) के पूर्व प्रमुख सूर्य नाथ उपाध्याय द्वारा दायर रिट याचिका उस समझौते के खिलाफ थी जिसके तहत नेपाल अगले 10 वर्षों के लिए भारत को 10 हजार मेगावाट बिजली निर्यात करेगा।
उच्चतम न्यायालय के प्रवक्ता अच्युत कुइकेल के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत, न्यायमूर्ति सपना मल्ला और न्यायमूर्ति महेश शर्मा पौडेल की पीठ ने इसे खारिज कर दिया। अपनी याचिका में उपाध्याय ने समझौते को रद्द करने तथा इसके क्रियान्वयन को तत्काल स्थगित करने की मांग की। उनका दावा है कि इसे लागू होने से पहले संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है।
अपनी याचिका में उपाध्याय ने दावा किया कि यह समझौता न केवल पनबिजली के निर्यात से संबंधित है, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग और साझेदारी से भी जुड़ा है। हालांकि अब तक उच्चतम न्यायालय ने निर्णय का विवरण प्रकाशित नहीं किया है। पिछले वर्ष विदेश मंत्री एस. जयशंकर की हिमालयी देशों की यात्रा के दौरान भारत और नेपाल के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।