Edited By Tanuja,Updated: 03 Sep, 2024 12:50 PM
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर गाजा में बंदियों की रिहाई और संघर्ष विराम को लेकर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में उनके युद्ध नीतियों के खिलाफ देशभर में...
International Desk: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर गाजा में बंदियों की रिहाई और संघर्ष विराम को लेकर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में उनके युद्ध नीतियों के खिलाफ देशभर में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इस मुद्दे पर नेतन्याहू की आलोचना की है, जिससे नेतन्याहू भड़क गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि उन्हें लगभग 11 महीने की लड़ाई में और अधिक करने की जरूरत थी। इस पर नेतन्याहू ने साफ शब्दों में कहा है कि कोई भी उन्हें यह न बताए कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं। नेतन्याहू ने आगे कहा, “इस मुद्दे पर कोई मुझे उपदेश नहीं देगा। बंदियों को छुड़ाने में मुझ से ज्यादा कोई कोशिश नहीं कर रहा है।”
रविवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बाद अपने पहले सार्वजनिक बयान में नेतन्याहू ने कहा कि वह अपनी मांग पर अड़े रहेंगे कि इज़राइल का फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर नियंत्रण रहे। यह कॉरिडोर मिस्र के साथ गाजा की सीमा पर स्थित है, जहां इज़राइल का दावा है कि हमास गाजा में हथियारों की तस्करी करता है। नेतन्याहू ने कहा, "इस मुद्दे पर कोई मुझे उपदेश नहीं देगा। बंदियों को छुड़ाने में मुझ से ज्यादा कोई कोशिश नहीं कर रहा है।" रविवार रात इज़राइल के कई शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिनमें लोग नेतन्याहू की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए। यह युद्ध की शुरुआत के बाद से सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन माना जा रहा है। नेतन्याहू के घर के बाहर सेंट्रल यरुशलम में हज़ारों लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने जमकर नारे लगाए।
इसी दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुईं, जिसमें कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। तेल अवीव में भी नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के कार्यालय के बाहर हजारों लोग मार्च कर रहे थे। नेतन्याहू की गाजा में संघर्ष विराम को लेकर सख्त रुख के कारण शांति वार्ता में कठिनाइयां बढ़ गई हैं। हमास ने इजरायल पर आरोप लगाया है कि वह फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर स्थायी इजरायली नियंत्रण और गाजा में अन्य जगहों पर नियंत्रण की मांग करके वार्ता को खींच रहा है। हमास ने संघर्ष को समाप्त करने के बदले में फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और बंधकों की सुरक्षित वापसी की पेशकश की थी, लेकिन नेतन्याहू ने इस पर पूरी तरह सहमति देने से इनकार कर दिया है।
इजरायली मीडिया ने खुलासा किया है कि नेतन्याहू और उनके रक्षा मंत्री योव गैलेंट के बीच भी मतभेद उभर आए हैं। गैलेंट का मानना है कि संघर्ष विराम के लिए यह सही समय है, जबकि नेतन्याहू फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर नियंत्रण बनाए रखने पर अड़े हुए हैं। सुरक्षा कैबिनेट की बैठक में दोनों के बीच तीखी बहस भी हुई, जहां गैलेंट ने नेतन्याहू के प्रस्ताव के खिलाफ एकमात्र वोट दिया। इस बीच, इजरायली सेना ने कहा कि गाजा में मृत पाए गए छह बंधकों को हमास ने उस सुरंग में मार दिया था जहां उन्हें रखा गया था। हमास के अधिकारी खलील अल-हय्या ने कहा कि नेतन्याहू ने फिलाडेल्फिया कॉरिडोर को बंधकों की रिहाई से ज्यादा जरूरी माना है।