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ईसाई धर्म का अगला पोप कौन? रेस में ये 5 नाम हैं सबसे आगे

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 22 Apr, 2025 09:43 AM

next pope of christianity these 5 names are leading in the race

पोप फ्रांसिस, जो दुनिया भर के 1.3 अरब कैथोलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु थे, उनका 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वेटिकन ने इस दुखद खबर की पुष्टि की। बताया जा रहा है कि वे काफी समय से बीमार चल रहे थे और उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया था।...

इंटरनेशनल डेस्क: पोप फ्रांसिस, जो दुनिया भर के 1.3 अरब कैथोलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु थे, उनका 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वेटिकन ने इस दुखद खबर की पुष्टि की। बताया जा रहा है कि वे काफी समय से बीमार चल रहे थे और उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया था। चौंकाने वाली बात ये रही कि ईस्टर संडे के मौके पर उन्होंने आखिरी बार पब्लिक के सामने सरप्राइज अपीयरेंस दी थी। लेकिन अगले ही दिन उनका निधन हो गया।

अब कौन होगा अगला पोप?

पोप के निधन के बाद अब दुनिया की नजरें इस पर टिकी हैं कि अगला पोप कौन होगा। वेटिकन में नए धर्मगुरु को लेकर चर्चाएं तेज हो चुकी हैं। कुछ नाम ऐसे हैं जो इस रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं।

1. लुइस एंटोनियो टैंगल (फिलिपींस) – फ्रांसिस के सबसे करीबी

67 वर्षीय कार्डिनल लुइस एंटोनियो को फिलहाल सबसे मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। वे पोप फ्रांसिस के करीबी और विश्वासपात्रों में गिने जाते हैं। उनके पास अनुभव भी है और एशियाई प्रतिनिधित्व से कैथोलिक चर्च को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिल सकती है।

2. पिएट्रो पारोलिन (इटली) – कूटनीतिक रणनीति के मास्टर

70 साल के पिएट्रो पारोलिन वेटिकन के सबसे वरिष्ठ अधिकारियों में गिने जाते हैं। 2013 से वे वेटिकन के विदेश मंत्री के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। चीन और मिडिल ईस्ट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में उन्होंने चर्च की कूटनीति को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है। वेटिकन की अंदरूनी राजनीति में भी उनकी पकड़ मज़बूत है।

3. पीटर तुर्कसन (घाना) – सामाजिक न्याय की आवाज

76 वर्षीय कार्डिनल पीटर तुर्कसन सामाजिक मुद्दों पर चर्च की आवाज माने जाते हैं। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, गरीबी और आर्थिक असमानता पर खुलकर बात की है। अगर वे पोप बनते हैं, तो यह ऐतिहासिक होगा क्योंकि 492 AD के बाद वे पहले अफ्रीकी पोप हो सकते हैं।

4. पीटर एर्डो (हंगरी) – पारंपरिक विचारधारा के समर्थक

72 वर्षीय एर्डो यूरोप में कैथोलिक रूढ़िवाद का बड़ा चेहरा हैं। वे कैनन लॉ के विशेषज्ञ हैं और पारंपरिक धार्मिक मूल्यों के प्रबल समर्थक माने जाते हैं। अगर चर्च फ्रांसिस के उदारवादी रुख से हटकर रूढ़िवादी रास्ता अपनाना चाहता है तो एर्डो एक उपयुक्त विकल्प हो सकते हैं।

5. एंजेलो स्कोला (इटली) – वर्षों से दावेदार

82 वर्षीय कार्डिनल एंजेलो स्कोला 2013 में भी पोप पद के मजबूत दावेदार थे। वे मिलान के आर्कबिशप रह चुके हैं और चर्च के केंद्रीकृत मॉडल को समर्थन देने वाले समूहों में लोकप्रिय हैं। उम्र के बावजूद उनकी धार्मिक गहराई और अनुशासन उन्हें अब भी एक संभावित उम्मीदवार बनाते हैं।

नया पोप कैसे चुना जाएगा?

पोप का चुनाव एक विशेष प्रक्रिया से होता है, जिसे कॉन्क्लेव कहा जाता है। इसमें केवल वे कार्डिनल्स भाग ले सकते हैं, जिनकी उम्र 80 वर्ष से कम है।

चुनाव की प्रक्रिया कुछ इस तरह होती है:

  • पोप के निधन के बाद आमतौर पर 15 से 20 दिन के भीतर कॉन्क्लेव शुरू होता है।

  • इस दौरान पोप के अंतिम संस्कार की रस्में और नोवेमडायल्स (9 दिन का शोक काल) संपन्न होते हैं।

  • दुनियाभर के कार्डिनल्स वेटिकन पहुंचते हैं।

  • फिर सिस्टिन चैपल के भीतर गुप्त मतदान की प्रक्रिया शुरू होती है।

  • नए पोप के लिए दो-तिहाई बहुमत जरूरी होता है।

  • अगर आम सहमति नहीं बनती है, तो मतदान के और दौर चलते हैं।

  • मतदान के बाद मतपत्र जलाए जाते हैं—अगर काला धुआं निकलता है तो इसका मतलब होता है कि निर्णय नहीं हुआ, और अगर सफेद धुआंनिकले तो समझ जाइए कि नया पोप चुन लिया गया है।

नया पोप किस प्रकार की चुनौतियों से जूझेगा?

नया पोप एक ऐसे दौर में पदभार संभालेगा जब चर्च खुद बदलाव और असमंजस के दौर से गुजर रहा है। यूरोप और अमेरिका में चर्च का प्रभाव घट रहा है जबकि अफ्रीका और एशिया में इसका तेजी से विस्तार हो रहा है। साथ ही चर्च के भीतर यौन शोषण जैसे मामलों से लेकर सामाजिक और वैचारिक बंटवारे तक कई चुनौतियां मौजूद हैं।

 

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