Edited By Tanuja,Updated: 11 Aug, 2024 06:54 PM
यूनाइटेड किंगडम (UK) की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली नेशनल हेल्थ सर्विस ( NHS) ने हाल ही में एक नई और विवादित नीति लागू की है, जिसके...
London: यूनाइटेड किंगडम (UK) की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली नेशनल हेल्थ सर्विस ( NHS) ने हाल ही में एक नई और विवादित नीति लागू की है, जिसके तहत सभी पुरुष मरीजों से, जिनकी उम्र 12 से 55 साल के बीच है, X-ray के लिए आने पर पूछा जाएगा कि क्या वे गर्भवती हैं। यह कदम ट्रांसजेंडर, नॉन-बाइनरी और इंटरसेक्स मरीजों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है। हालांकि, इस नीति ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में व्यापक विवाद और असंतोष पैदा कर दिया है।
एक ट्रांसजेंडर पुरुष के गर्भवती होते हुए CT स्कैन करवाने की घटना के बाद यह नीति लागू की गई थी। नई नीति के तहत, अस्पतालों में अब मरीजों से उनके जन्म के समय का लिंग, पसंदीदा नाम और प्रोनाउन जैसी जानकारी भी मांगी जा रही है। इसने कुछ महिलाओं को भावुक कर दिया है और कई पुरुषों ने अपनी अपॉइंटमेंट्स छोड़ दी हैं। विशेषज्ञों और अभियानकर्ताओं ने इस नीति की आलोचना की है, यह कहते हुए कि यह कुछ लोगों के लिए मानसिक कष्टकारी हो सकती है, खासकर जिन लोगों ने गर्भपात का अनुभव किया है। रेडियोलॉजिस्टों ने बताया कि बार-बार पूछे जाने से मरीजों की मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
इस विवाद ने NHS ट्रस्ट्स और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को इस नीति के प्रभाव और इसके कार्यान्वयन पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। नीति के आलोचक इसे हटा देने की मांग कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे सुधारने की सलाह दे रहे हैं। कई महिलाएं इस नीति के कारण भावुक हो गई हैं और कुछ पुरुष अपनी अपॉइंटमेंट्स छोड़ रहे हैं। विशेष रूप से, जो मरीज कैंसर जैसी संवेदनशील स्वास्थ्य स्थितियों के लिए बार-बार X-ray करवाते हैं, वे इस नीति से काफी नाराज हैं।
अभियानकर्ताओं और विशेषज्ञों का कहना है कि यह नीति कुछ लोगों के लिए मानसिक कष्टकारी हो सकती है, खासकर जिन लोगों ने गर्भपात का अनुभव किया है। बार-बार पूछे जाने से वे अपने पुराने दर्दनाक अनुभवों को दोबारा महसूस कर सकते हैं। रेडियोलॉजिस्टों ने बताया कि मरीजों के गर्भवती होने के बारे में बार-बार पूछे जाने से उनकी मानसिक स्थिति प्रभावित हो रही है। एक रेडियोलॉजिस्ट ने उल्लेख किया कि एक मरीज को लगातार स्कैन के लिए आना पड़ रहा था और बार-बार पूछे जाने के कारण उसने अपनी पहचान पर सवाल उठाना शुरू कर दिया।