Edited By Tanuja,Updated: 08 Jan, 2025 05:45 PM
![nine year old iranian girl s horror sketch as dad is hanged](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_1image_17_38_210851390iraniangirl1-ll.jpg)
ईरान में मृत्युदंड का बढ़ता चलन और 9 वर्षीय बच्ची महना अहमदी का दर्दनाक स्केच मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया...
International Desk: ईरान में मृत्युदंड का बढ़ता चलन और 9 वर्षीय बच्ची महना अहमदी का दर्दनाक स्केच मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है। महना ने अपने पिता हामिद को फांसी पर लटकते हुए दिखाते हुए एक दिल दहला देने वाला चित्र बनाया है, जिसे उसने उन्हें अंतिम बार देखने की प्रतीक्षा में बनाया। महना अहमदी के स्केच और 2024 के मृत्युदंड के आंकड़े ने ईरान की न्याय प्रणाली और खामेनेई शासन की नीतियों को कठघरे में खड़ा कर दिया है। भयावह आंकड़ों के अनुसार 2024 में, ईरान ने 901 लोगों को मौत की सजा दी, जिसमें 31 महिलाएं और 7 नाबालिग भी शामिल थे। 2025 के पहले दिन, देशभर की जेलों में 12 लोगों को फांसी दी गई। इस चौंकाने वाले आंकड़े का खुलासा संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय और नॉर्वे स्थित ईरान मानवाधिकार संस्था ने किया।
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कैसे सामने आई बच्ची की कहानी ?
महना ने अपने स्केच में खुद और अपनी मां को फांसी के तख्ते के पास खड़े दिखाया, जहां उनके पिता ब्लॉक पर खड़े हैं। यह चित्र न केवल एक बच्ची के गहरे दर्द को दर्शाता है, बल्कि ईरान में बढ़ते मृत्युदंड के मामले और उनके पीछे की कठोर न्याय प्रणाली की ओर भी इशारा करता है। महना अहमदी की कहानी ईरान के राष्ट्रीय प्रतिरोध परिषद (NCRI) ने ब्रिटिश अखबार द सन को साझा की। यह सईद मसूरी नामक एक राजनीतिक कैदी के पत्र के माध्यम से उजागर हुई, जिन्होंने ईरान की जेल में 25 साल बिताए हैं। सईद ने अपने पत्र में लिखा, "क्रिसमस के दौरान लगभग 25 निर्दोष लोगों को फांसी दी गई, जो हर 2.5 घंटे में एक मौत के बराबर है।"
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मानवाधिकार संगठनों ने जताई चिंता
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने ईरान की इस प्रवृत्ति पर गहरी चिंता जताई है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि चीन को छोड़कर, ईरान दुनिया में सबसे ज्यादा फांसी देने वाला देश है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई पर मृत्युदंड का उपयोग समाज में भय फैलाने और राजनीतिक विरोध को दबाने के लिए करने का आरोप लगा है। वोल्कर तुर्क ने कहा, "फांसी जीवन के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।" मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र ने ईरान पर मृत्युदंड रोकने का दबाव बनाया है। अब यह देखना बाकी है कि क्या अंतरराष्ट्रीय दबाव ईरान को अपनी कठोर नीतियों पर पुनर्विचार करने को मजबूर करेगा, या यह अमानवीय सिलसिला जारी रहेगा।