Edited By rajesh kumar,Updated: 23 Jan, 2025 08:05 PM
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इराक में हाल ही में एक विवादास्पद बदलाव किया गया है, जिसमें बाल विवाह को वैध कर दिया गया है। अब 9 साल की उम्र में लड़कियां विवाह कर सकती हैं, जबकि पहले विवाह की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष थी। इस बदलाव के बाद से इराक में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं,...
इंटरनेशनल डेस्क: इराक में हाल ही में एक विवादास्पद बदलाव किया गया है, जिसमें बाल विवाह को वैध कर दिया गया है। अब 9 साल की उम्र में लड़कियां विवाह कर सकती हैं, जबकि पहले विवाह की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष थी। इस बदलाव के बाद से इराक में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, क्योंकि इसके विनाशकारी प्रभावों को लेकर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं।
मौलवियों को दिया गया अधिकार
नए संशोधित कानून के तहत मौलवियों को विवाह, तलाक और बच्चों की देखभाल जैसे पारिवारिक मामलों पर फैसला लेने का अधिकार दिया गया है। इस कदम पर विरोध जताते हुए वकील मोहम्मद जुमा ने कहा कि यह महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की समाप्ति का संकेत है। वहीं, इराकी पत्रकार साजा हाशिम ने कहा कि यह कानून महिलाओं के भविष्य को खतरे में डालता है और उन्हें डर लगता है कि उनका जीवन मौलवियों के हाथों में होगा।
महिलाओं के अधिकारों पर हमला
महिला अधिकार समूहों ने इस नए कानून को भयावह बताया है। उनका कहना है कि यह कानून इराक के 1959 के व्यक्तिगत स्थिति कानून को कमजोर करता है, जिसने महिलाओं के लिए सुरक्षा उपाय लागू किए थे। मानवाधिकार कार्यकर्ता इंतिसार अल-मायाली ने इस कानून को बच्चों के जीवन के अधिकार का उल्लंघन बताया और कहा कि यह महिलाओं के लिए तलाक, हिरासत और विरासत की सुरक्षा को भी कमजोर करेगा।
महिलाओं के अधिकारों पर संकट
इराक में महिला स्वतंत्रता संगठन (OWFI) की अध्यक्ष यानार मोहम्मद ने इस बदलाव को इराकी महिलाओं के लिए एक बड़ा आघात बताया और कहा कि यह बदलाव उन अधिकारों को छीनता है जो महिलाओं ने वर्षों की संघर्ष के बाद प्राप्त किए थे। इस कानून के पारित होने के बाद इराक में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन तेज हो गया है।