Edited By vasudha,Updated: 31 Mar, 2020 10:56 AM
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जहां दुनियाभर में संस्थाएं अपने अपने स्तर पर काम कर रही हैं। इस क्रम में अंतरराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johanson) का नाम भी सामने आया है। कंपनी ने दावा किया कि उसने कोरोना वायरस के इलाज के लिए संभावित...
Corona In Hindi : कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जहां दुनियाभर में संस्थाएं अपने अपने स्तर पर काम कर रही हैं। इस क्रम में अंतरराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johanson) का नाम भी सामने आया है। कंपनी ने दावा किया कि उसने कोरोना वायरस के इलाज (Coronavirus Treatment In Hindi) के लिए संभावित टीके की पहचान की है जिसका सितंबर माह में मनुष्यों पर परीक्षण किया जाएगा और यह अगले साल के शुरुआती महीनों में आपात इस्तेमाल के लिए उपलब्ध भी हो सकता है।
Johnson & Johnson ने अपने एक बयान में कहा कि फार्मास्यूटिकल कंपनी ने अमेरिकी सरकार के बायोमेडिकल एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है जो इस प्रयास में एक अरब डॉलर का निवेश करेगा। जॉनसन एंड जॉनसन ने जनवरी में एडी26 सार्स-सीओवी-2 पर जनवरी में काम करना शुरू किया था जिस पर अब भी जांच चल रही है। इस टीके के लिए ईबोला के संभावित टीके को विकसित करने वाली प्रौद्योगिकी का ही इस्तेमाल किया जा रहा है।
Corona Vacine को लेकर पॉल स्टोफेल्स ने कहीं ये बात
कंपनी के मुख्य विज्ञानी अधिकारी पॉल स्टोफेल्स ने कहा कि हमारे पास कई संभावित टीके थे जिनका परीक्षण हमने जानवरों पर किया था और उनमें से हमें सर्वश्रेष्ठ को चुनना था, इसमें 12 हफ्ते लग गए 15 जनवरी से लेकर आज तक का वक्त। उन्होंने कहा हमें यह भी आंकना था कि कौन से संभावित टीके में सुधार किया जा सकता है ताकि एक तरफ यह सुनिश्चित हो सके कि यह काम करे और दूसरी तरफ इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ लिया जा सके। हालांकि आज तक कोरोना वायरस परिवार से संबंधित किसी भी वायरस के लिए सफल मानवीय टीका नहीं बन सका है लेकिन स्टोफेल्स को भरोसा है कि वे इस उपलब्धि को हासिल कर लेंगे।