Edited By Tanuja,Updated: 27 Aug, 2024 02:05 PM
हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने यूरोप में हो रही कथित इस्लामिक माइग्रेशन की घटनाओं को एक साजिश करार देकर सभी को चौंका दिया...
इंटरनेशनल डेस्क: हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने यूरोप में हो रही कथित इस्लामिक माइग्रेशन की घटनाओं को एक साजिश करार देकर सभी को चौंका दिया है। ओर्बन ने दावा किया है कि इन घटनाओं के पीछे अरबपति फाइनेंसर जार्ज सोरोस का एक योजनाबद्ध षड्यंत्र है। उनके इस दावे के बाद एक वीडियो वायरल हो गया, जिससे यूरोपीय राजनीति में सोरोस के प्रभाव को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। ओर्बन ने एक कथित दस्तावेज को आधार बनाकर सोरोस की भागीदारी का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि 26 सितंबर 2015 को सोरोस ने एक लेख प्रकाशित किया था, जिसमें यूरोप को सामूहिक प्रवास के माध्यम से नया रूप देने के लिए एक छह-सूत्रीय योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की गई थी।
वीडियो में ओर्बन बताते हैं कि उन्हें याद है कि जार्ज सोरोस ने प्रोजेक्ट सिंडिकेट के प्रकाशन में अंग्रेजी में अपनी योजना प्रकाशित की थी। यह 26 सितंबर 2015 को हुआ था, और सोरोस ने एक योजना प्रकाशित की थी। ओर्बन कहते हैं कि सोरोस ने अपनी योजना के छह प्रमुख बिंदुओं का उल्लेख किया था। पहला बिंदु यह था कि यूरोपीय संघ को हर साल कम से कम एक मिलियन शरणार्थियों को स्वीकार करना चाहिए। दूसरा बिंदु था कि इस संकट से निपटने के लिए लंबी अवधि के यूरो बॉन्ड जारी कर फंडिंग की जानी चाहिए। ओर्बन ने जोर देकर कहा कि यह योजना केवल सैद्धांतिक नहीं थी, बल्कि इसे सक्रिय रूप से लागू किया जा रहा था, जिसमें हंगरी एक प्रमुख निशाना था। हंगरी के प्रधानमंत्री ने कहा कि इस माइग्रेशन के पीछे जार्ज सोरोस का साम्राज्य काम कर रहा है। यूरोप भर में एनजीओ और राजनीतिक नेताओं का एक नेटवर्क है, जो ईसाई रूढ़िवादी मूल्यों और राष्ट्रीय संप्रभुता को कमजोर करने के लिए काम कर रहा है।
ओर्बन ने कहा कि यह कोई अचानक सामने आई घटना नहीं है, बल्कि इसे योजनाबद्ध ढंग से अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम एक बार फिर जार्ज सोरोस के नेतृत्व वाले संगठित समूह के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। ये गैर-सरकारी संगठन हमारी कानूनी व्यवस्था और नियमों का उल्लंघन करने वालों का समर्थन कर रहे हैं और हमारे राष्ट्र के खिलाफ अवैध गतिविधियों को फंडिंग कर रहे हैं। ओर्बन ने यह भी आरोप लगाया कि इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए जार्ज सोरोस ने यूरोपीय संघ के संस्थानों में संसद सदस्यों और अन्य नेताओं को खरीदा है। उनका दावा है कि सोरोस का उद्देश्य ईसाई रूढ़िवादी राष्ट्रीय-आधारित राजनीतिज्ञों और मतदाताओं को खत्म करना है। ओर्बन का कहना है कि सोरोस यूरोपीय संघ के कई संस्थानों में महत्वपूर्ण पदों पर काबिज होने में सक्षम थे और उन्होंने संसद सदस्यों और अन्य नेताओं को खरीदने का प्रयास किया।
कौन हैं जार्ज सोरोस ?
जार्ज सोरोस एक विवादास्पद व्यक्तित्व हैं, और उनके बारे में कई नकारात्मक दृष्टिकोण हैं। जार्ज सोरोस एक मशहूर अरबपति और लेखक हैं, जिनका जन्म 12 अगस्त 1930 को बुडापेस्ट, हंगरी में हुआ था। सोरोस पर आरोप लगाया जाता है कि वह अपनी विशाल संपत्ति का उपयोग करके विभिन्न देशों की राजनीति में हस्तक्षेप करते हैं। कई राष्ट्रवादी और रूढ़िवादी नेताओं का मानना है कि वह अपने राजनीतिक और सामाजिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) और धन का उपयोग करते हैं, जिससे स्थानीय राजनीति और राष्ट्रीय संप्रभुता को खतरा होता है। सोरोस को 1992 में ब्रिटिश पाउंड के खिलाफ एक बड़ी शॉर्ट सेलिंग के लिए जाना जाता है, जिससे उन्होंने भारी मुनाफा कमाया। हालांकि, इस वित्तीय गतिविधि के कारण ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में अस्थिरता आई, और उन्हें "द मैन हू ब्रोक द बैंक ऑफ इंग्लैंड" यानि इंग्लैंड के बैंक को कंगाल करने वाला कहा जाने लगा। इस घटना के बाद कई लोगों ने उन पर आरोप लगाया कि वह व्यक्तिगत लाभ के लिए आर्थिक अस्थिरता पैदा करते हैं।