Edited By Parminder Kaur,Updated: 20 Sep, 2024 03:40 PM
पाकिस्तान की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को ईशनिंदा के मामले में एक ईसाई महिला शौगता कैरन को मृत्युदंड की सजा सुनाई। उन पर आरोप था कि उन्होंने सितंबर 2020 में व्हाट्सऐप ग्रुप पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक सामग्री साझा की थी।
इंटरनेशनल डेस्क. पाकिस्तान की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को ईशनिंदा के मामले में एक ईसाई महिला शौगता कैरन को मृत्युदंड की सजा सुनाई। उन पर आरोप था कि उन्होंने सितंबर 2020 में व्हाट्सऐप ग्रुप पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक सामग्री साझा की थी।
यह मामला एक विशेष अदालत में सुनवाई के बाद सामने आया, जहां न्यायाधीश अफजल मजूका ने कैरन को पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295 सी के तहत दोषी पाया। इस धारा के तहत मृत्युदंड का प्रावधान है। अदालत ने कैरन पर 3,00,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया। इसके अलावा अदालत ने पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक क्राइम अधिनियम (पीईसीए) की धारा 11 के तहत कैरन को सात साल की जेल की सजा सुनाई और 1,00,000 रुपए का अतिरिक्त जुर्माना लगाया।
न्यायाधीश ने संक्षिप्त आदेश में कहा कि दोषी को 30 दिन के भीतर फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर करने का अधिकार है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उच्च न्यायालय के फैसले के बाद ही सजा की तामील की जाएगी।
शौगता कैरन पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम धर्म के अपमान के मामले में मृत्युदंड पाने वाली दूसरी ईसाई महिला हैं। इससे पहले आसिया बीबी को भी इसी तरह के एक मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन उन्हें अक्टूबर 2018 में उच्चतम न्यायालय ने बरी कर दिया था। बरी होने के बाद आसिया बीबी अपने परिवार के साथ कनाडा चली गईं।