इमरान सरकार के प्रस्तावित बजट पर भड़का विपक्ष, नेशनल असेंबली में पास न होने देने की खाई कसम

Edited By Tanuja,Updated: 13 Jun, 2021 05:04 PM

pak opposition vows to not let budget pass through national assembly

पाकिस्तान की इमरान खान सरकार वित्त वर्ष 2021-22 के प्रस्तावित बजट को लेकर विपक्ष के निशाने पर है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ...

 इस्लामाबादः पाकिस्तान की इमरान खान सरकार वित्त वर्ष 2021-22 के प्रस्तावित बजट को लेकर विपक्ष के निशाने पर है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) सहित पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने इमरान खान सरकार को कड़ी चुनौती देते हुए नेशनल असेंबली में बजट पास न होने देने की कसम खाई है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को इमरान खान सरकार पर वित्त वर्ष 2021-22 के प्रस्तावित बजट को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि इमरान देश के नागरिकों की दुर्दशा को अनदेखा कर रहे हैं और वो बहरे और गूंगे हो गए हैं।


जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक  बिलावल ने इसे जनविरोधी बजट करार देते हुए कहा, 'साल भले ही बदल गया हो, लेकिन लोगों की स्थिति जस की तस है। एक गरीब का घर अभी भी जरूरतों से वंचित है।' बिलावल ने प्रधानमंत्री इमरान खान पर वंचितों के प्रति सहानुभूति व दिखाने का आरोप लगाया । उन्होंने इमरान की निंदा करते हुए कहा कि नए बजट के माध्यम से, प्रधानमंत्री ने गरीब लोगों के प्रति अपने विद्वेष को स्पष्ट कर दिया है।

 
 बिलावल भुट्टो जरदारी ने बजट सत्र के बाद पीएमएल-एन के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ के साथ मीडिया से बात करते हुए कहा कि जो लोग वित्त मंत्री शौकत तारिन को सरकार के प्रस्तावों  सुन रहे होंगे, "वह सोच रहे होंगे यह किसी और देश का बजट है। पीपीपी अध्यक्ष ने कहा कि वित्त मंत्रियों के दावे सरकार की नीतियों के कारण "पीड़ित" पाकिस्तानियों के "घावों पर नमक छिड़कने" के समान हैं । बिलावल ने कहा कि पार्टी के विधायक इमरान खान के प्रस्तावित बजट के खिलाफ अपने वोट विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ को सौंपेंगे।

 

उन्होंने कहा, 'इमरान सरकार ने नए बजट से अपने जनविरोधी एजेंडे का पर्दाफाश कर दिया है।'  बिलावल ने  कहा कि पीटीआई को देश के भविष्य के साथ खेलने व प्रधानमंत्री इमरान खान को लोगों का आर्थिक नरसंहार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।  बिलावल ने कहा कि जब सरकार आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के माध्यम से झूठे तथ्य पेश कर रही थी और इस बात का दावा कर रही थी कि देश फल-फूल रहा है, तो वहीं, दूसरी तरफ सरकारी कर्मचारी नेशनल असेंबली के बाहर महंगाई का विरोध कर रहे थे।  बिलावल ने कहा कि पीटीआई सरकार से जनविरोधी बजट की ही उम्मीद थी।

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