Edited By Tanuja,Updated: 27 Feb, 2024 11:33 AM
पाकिस्तान में रविवार को एक लड़की की ड्रेस पर लिखे जिस अरबी शब्द के लिए भीड़ ने उत्पात मचाया था, उसका अर्थ सामने आने पर दुनिया...
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में रविवार को एक लड़की की ड्रेस पर लिखे जिस अरबी शब्द के लिए भीड़ ने उत्पात मचाया था, उसका अर्थ सामने आने पर दुनिया पाकिस्तान और पाकिस्तानियों की सोच पर थू-थू कर रही है। ये लड़की एक होटल में खाना खाने गई थी, जहां इसकी ड्रेस को देखकर कुछ लोगों ने उससे सवाल शुरू कर दिए। दरअसल लड़की के कुर्ते पर अरबी भाषा में कुछ शब्द प्रिंट थे। इसे कुरान की आयत और इस्लाम का अपमान बताते हुए भीड़ जमा हो गई। भीड़ ने लड़की को घेरते हुए उसे मार डालने जैसी बातें करना शुरू कर दिया। लड़की को घेरने वाली भीड़ में शामिल लोगों को न सिर्फ दुनियाभर के लोग फटकार रहे हैं बल्कि मजाक भी उड़ा रहे हैं।
पाकिस्तान के एक सीनियर वकील और राजनीतिक टिप्पणीकार बैरिस्टर हामिद बशानी ने कहा है कि लड़की ने जो ड्रेस पहना था, उस पर हलवा लिखा हुआ था। जो लोग हलवे को धर्म की तौहीन बताकर लड़की के साथ बदतमीजी कर रहे थे, उनको डूब मरना चाहिए। हामिद बशानी ने एक यू-ट्यूब चैनल पर बताया कि जब लड़की की ड्रेस को पढ़ा गया तो देखा कि उस पर हलवा लिखा था। उसने ड्रेस खरीदी भी दुबई की किसी कंपनी से थी, जो एक मुस्लिम मुल्क है। पाकिस्तान में लोगों के लिए अरबी का मतलब बस आयत है तो ये आपकी उनकी अनपढ़ता है नाकि किसी दूसरे की गलती । बशानी ने कहा कि पाकिस्तान में जहालत (अनपढ़ता) और धर्मांधता मिलकर इस तरह का घातक माहौल बना रहे हैं। इसमें न सिर्फ जो लोग हंगामा कर रहे थे, उनकी गलती है बल्कि जो लोग खामोशी से देखते रहे, उनका भी कसूर है।
इसी बीच वहां लाहौर पुलिस में एएसपी सैयदा शहरबानो नकवी पुलिस बल के साथ पहुंचीं और भीड़ से निकालते हुए लड़की को थाने ले आईं। पाकिस्तान और दुनियाभर के लोगों का कहना है कि अगर एएसपी नकवी ने बहादुरी नहीं दिखाई होती तो बहुत मुमकिन था कि भीड़ लड़की को मार डालती। नकवी के इस काम के लिए पंजाब पुलिस ने कायद-ए-आजम पुलिस पदक के लिए उनके नाम की सिफारिश की है। पंजाब की सीएम बनने जा रहीं मरियम नवाज ने भी जमकर शहरबानो नकवी की तारीफ की है।
बैरिस्टर बशानी ने भी कहा कि महिला पुलिस अफसर की उसके काम के लिए तारीफ होनी चाहिए। बता देंकि पाकिस्तान में ईशनिंदा के मामलों में अक्सर पुलिसवाले एक्शन लेने से डरते हैं, जिस कारण अक्सरर बेकसूर लोग मॉब लिंचिंग में मारे जाते हैं । बशानी ने कहा कि पाकिस्तान में गरीबी के चलते शिक्षा की कमी है तो धर्म को लेकर जुनून बहुत ज्यादा है। दूसरे देशों में सिविल सोसायटी कुछ काम करती है लेकिन पाकिस्तान में सिविल सोसायटी भी कमजोर है।