Edited By Tanuja,Updated: 08 Mar, 2025 01:47 PM

पाकिस्तान सरकार ने अफगान नागरिकता कार्ड (एसीसी) धारकों से 31 मार्च तक पाकिस्तान छोड़ने का आग्रह किया है। यह कदम पाकिस्तान की योजना का हिस्सा है, जिसके तहत ...
Islamabad: पाकिस्तान सरकार ने अफगान नागरिकता कार्ड (एसीसी) धारकों से 31 मार्च तक पाकिस्तान छोड़ने का आग्रह किया है। यह कदम पाकिस्तान की योजना का हिस्सा है, जिसके तहत अवैध विदेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेजने का प्रयास किया जा रहा है। एक आधिकारिक दस्तावेज में यह जानकारी दी गई है। इस दस्तावेज में यह भी संकेत दिया गया है कि इस्लामाबाद और रावलपिंडी में रह रहे एसीसी धारकों को अफगानिस्तान वापस भेजने का आदेश दिया गया है। यह अफगान नागरिकों के लिए बहु-चरणीय पुनर्वास योजना का हिस्सा है, जो पाकिस्तान में लंबे समय से रह रहे अफगान नागरिकों की स्थिति को सुधारने के उद्देश्य से बनाई गई है।
ये भी पढ़ेंः- भूकंप के झटकों से दहला नेपाल, रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 4.1
पाकिस्तान सरकार का यह कदम पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बिगड़ते संबंधों के संदर्भ में सामने आया है। विशेष रूप से आतंकवाद और सीमा सुरक्षा के मुद्दों पर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है, जिससे यह कदम उठाया गया। पाकिस्तान में लगभग आठ लाख से अधिक अफगान शरणार्थी हैं जिनके पास एसीसी है और वे शरणार्थी दस्तावेज़ों के तहत पाकिस्तान में रह रहे हैं। इसके अलावा, सैकड़ों और हजारों अफगान नागरिक बिना किसी दस्तावेज़ के भी पाकिस्तान में शरण लिए हुए हैं, जिन पर इस फैसले का प्रभाव पड़ सकता है।
ये भी पढ़ेंः- कनाडाई PM का आखिरी संदेश ! ट्रंप की टैरिफ धमकी पर कैमरा के सामने फूट-फूट कर रोए ट्रूडो (VIDEO)
इस योजना के तहत पाकिस्तान ने 1 नवंबर 2023 से अवैध विदेशी प्रत्यावर्तन कार्यक्रम (आईएफआरपी) लागू किया है। यह कार्यक्रम पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को वापस उनके देशों में भेजने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस कदम के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में अफगान नागरिक पाकिस्तान छोड़ सकते हैं। इस योजना के लागू होने के बाद पाकिस्तान सरकार को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि अफगान नागरिकों की वापसी अफगानिस्तान में पुनर्वास के लिए नए संसाधनों और सहायता की आवश्यकता उत्पन्न करेगी।