Edited By Parminder Kaur,Updated: 01 Dec, 2024 01:14 PM
पाकिस्तान को बलूचिस्तान के अवारन जिले में एक बलूच युवक की बहन की भूख हड़ताल के सामने झुकना पड़ा। यह बहन करीब छह महीने पहले पाकिस्तान की सेना द्वारा जबरन उठाए गए अपने भाई की सुरक्षित वापसी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठी थी। उनके इस...
इंटरनेशनल डेस्क. पाकिस्तान को बलूचिस्तान के अवारन जिले में एक बलूच युवक की बहन की भूख हड़ताल के सामने झुकना पड़ा। यह बहन करीब छह महीने पहले पाकिस्तान की सेना द्वारा जबरन उठाए गए अपने भाई की सुरक्षित वापसी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठी थी। उनके इस कदम से पाकिस्तान के सुरक्षा बलों की निरंकुशता के खिलाफ स्थानीय लोगों में गुस्सा बढ़ गया था, जिससे अंततः स्थानीय प्रशासन को उनकी मांग मानने के लिए मजबूर होना पड़ा। प्रशासन ने वादा किया कि वह दस दिन के अंदर उनके भाई को ढूंढ निकालेगा।
यह मामला बलूचिस्तान के अवारन जिले का है, जहां पाकिस्तान में बलूचों और अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले अत्याचारों के खिलाफ जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तानी सुरक्षा बल अक्सर बलूचों को जबरन उठाकर उन्हें यातनाएं देते हैं। बलूचिस्तान पोस्ट के मुताबिक, 12 जून 2023 को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने दिलजान बलोच नामक युवक को उनके घर से उठा लिया था और तब से उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। दिलजान की बहन और परिवार ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए कई बार प्रशासन से जवाब मांगा, लेकिन जब कोई समाधान नहीं मिला तो 18 नवंबर को उन्होंने अवारन की मुख्य सड़क पर जाम लगा दिया।
दिलजान की बहन ने इसके बाद उपायुक्त कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा- "हमने जवाब पाने के लिए बहुत इंतजार किया है। अब यह भूख हड़ताल ही हमारी आखिरी उम्मीद है।" उनके इस इमोशनल कदम के बाद स्थानीय प्रशासन को झुकते हुए यह वादा करना पड़ा कि वह दस दिनों में उनके भाई को ढूंढकर घर वापस लाएगा।
इस घटना ने पाकिस्तान में बलूचों के खिलाफ चल रही मानवाधिकार उल्लंघनों की गंभीरता को और उजागर किया है। यह मामला न केवल बलूचिस्तान, बल्कि पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती ज्यादतियों को लेकर चिंता का विषय बन गया है।